ऋषभ पन्त (Rishabh Pant) ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच की पहली पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 101 रन बनाए और भारतीय टीम (Indian team) को बढ़त हासिल करने में खासी मदद की। एक समय भारतीय टीम की स्थिति बेहद खराब थी। पन्त और वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) ने शतकीय साझेदारी कर टीम को संभाला। अपने शतक को लेकर ऋषभ पन्त ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया है कि वह क्या सोचते हुए खेल रहे थे और योजना कैसी रही।
दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद ऋषभ पन्त ने कहा कि मैं स्थिति के अनुसार खेलना पसंद करता हूँ। मैं गेंद को देखने के बाद काम करता हूँ। मेरे क्रिकेट की यही यूएसपी है। यही मैं सोचता हूँ। मैं अपना क्रिकेट खेलते हुए टीम को जिताना चाहता हूँ। अगर दर्शकों का मनोरंजन होता है, तो मैं वह करके भी खुश हूँ।
पंत ऐसे समय में आए जब भारत को पहली पारी में इंग्लैंड से पीछे रहने का खतरा था। विराट कोहली के शून्य पर आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए पंत ने दूसरे दिन दौरान अपना तूफानी खेल दिखाने से पहले पचास रन के दौरान सावधानी बरती।
ऋषभ पन्त ने बताई योजना
ऋषभ पन्त ने टीम की योजना के बारे में कहा कि जब मैं और रोहित भाई खेल रहे थे एक साझेदारी बनाने की योजना थी। पिच का आकलन करने के बाद मैंने अपने शॉट्स खेलने का फैसला किया। कभी-कभी जब गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी करता है, तो आपको गेंदबाज को श्रेय देना होगा और गेंद का सम्मान करना होगा। पन्त ने कहा कि सिंगल लेना या गेंद को रक्षात्मक तरीके से खेलना मेरा प्लान था।
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने यह भी कहा कि मैं व्यक्तिगत लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित नहीं करता, मेरे दिमाग में बहुत कुछ नहीं चल रहा था। मेरे दिमाग में टीम प्लान ही चल रहा था। एंडरसन को लगाए रिवर्स स्वीप के बारे में पन्त ने कहा कि ऐसा करने के लिए आपको पहले से ही इस शॉट को बनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब सब कुछ आपके अनुसार जा रहा होता है, तो आप काफी कुछ प्रयास कर सकते हैं।