इंग्लैंड (England) के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में भारतीय टीम (Indian team) की जीत के पीछे ऋषभ पन्त (Rishabh Pant) का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने मुश्किल समय में शतक जड़कर टीम को बड़ी बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। मैच के बाद ऋषभ पन्त को प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड दिया गया। ऋषभ पन्त ने भी अपनी बल्लेबाजी को लेकर कुछ बातें कही।
ऋषभ पन्त ने कहा कि मुझे मेरे अभ्यास और आत्मविशवास से खासी मदद मिली। इससे मेरी बल्लेबाजी से कीपिंग में बदलाव आया। यह एक अहम पारी रही, खासकर तब जब टीम दबाव से गुजर रही थी। 146 रन पर 6 विकेट गंवाकर हम मुश्किल स्थिति में थे और जब टीम को आपकी जरूरत होती है, उस समय प्रदर्शन करने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। अगर एक तेज गेंदबाज को रिवर्स फ्लिक करने का मौका मुझे फिर से मिलेगा, तो मैं ऐसा करूंगा।
ऋषभ पन्त ने टिककर खेला था
भारतीय टीम के 6 अहम विकेट गिरने के बाद ऋषभ पन्त विकेट पर खड़े रहे और जरूरत के मुताबिक उन्होंने बल्लेबाजी की। शुरुआत में धीमी गति से खेलते हुए पन्त ने अपना अर्धशतक पूरा किया और बाद में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के हर गेंदबाज की धुनाई करते हुए अपना शतक पूरा किया। पहली पारी में उनके रन भारत के लिए अहम रहे, इस दौरान उन्होंने जेम्स एंडरसन को रिवर्स स्वीप शॉट खेलकर चौका मारा।
बल्लेबाजी के अलावा ऋषभ पन्त अब विकेट के पीछे कीपिंग में भी अहम किरदार निभा रहे हैं और वह बेहतरीन कीपिंग कर रहे हैं। विकेट के पीछे हमेशा कुछ न कुछ बोलते हुए ऋषभ पन्त खिलाड़ियों और गेंदबाज का मनोबल बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
चौथे टेस्ट मैच में जीत दर्ज करने के बाद टीम इंडिया अब वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने में सफल रही है। टीम इंडिया के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।