प्रमुख बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने 2007 में इंडियन टीम (Indian Cricket Team) में अपनी वापसी को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उथप्पा ने बताया कि किस तरह पूर्व दिग्गज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद से बातचीत की वजह से वो टीम में वापसी कर पाए थे। उथप्पा ने बताया कि वेंकटेश प्रसाद से बात करने के बाद उन्हें काफी प्रेरणा मिली थी।
डोमेस्टिक क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर रॉबिन उथप्पा को इंडियन टीम में जगह मिली थी। इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी वनडे मुकाबले में वीरेंदर सहवाग के रिप्लेसमेंट के तौर पर उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया। उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और 86 रन बनाए। उस समय किसी भी इंडियन क्रिकेटर का डेब्यू में ये हाईएस्ट स्कोर था।
हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ खराब परफॉर्मेंस के बाद वो टीम से बाहर भी हो गए थे। इसके बाद वो कर्नाटक के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने में बिजी हो गए और उस वक्त कर्नाटक के कोच वेंकटेश प्रसाद थे।
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रॉबिन उथप्पा ने ग्रेड क्रिकेटर से खास बातचीत में बताया कि किस तरह से कोच से बातचीत करने के बाद उन्हें अपनी खोई हुई फॉर्म हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने बताया,
मैंने सीजन के दूसरे मुकाबले में पहली पारी में 50 रन बनाए और अपने परफॉर्मेंस से खुश था। इसके बाद वेंकटेश प्रसाद ने मुझे अपने रूम में बुलाया और कहा कि कुछ बात करनी है। उन्होंने मुझे उस सीजन के हाईएस्ट रन स्कोरर की लिस्ट दिखाई और कहा कि तुम एक इंटरनेशनल क्रिकेटर हो और तुम्हारी शुरुआत भी अच्छी हुई थी लेकिन फिर भी 47वें पायदान पर हो। क्या सीजन के समाप्त होने तक तुम इसी पोजिशन पर रहना चाहते हो।
उथप्पा ने आगे बताया,
इस बातचीत के बाद मेरा फोकस काफी ज्यादा बढ़ गया और मैंने दूसरी पारी में शतक लगाया। पूरे सीजन के दौरान मैंने 850 रन बनाए और टॉप स्कोरर रहा। मैंने 4-5 शतक लगाए और ये सिर्फ उसी बातचीत का नतीजा था।
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