रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने बतौर ओपनर खेलते हुए जिस तरह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रन बनाए थे, उसके बाद उनकी तारीफों के पुल बांधे गए थे। इसके बाद रोहित शर्मा का ग्राफ नीचे गिरने लगा। ताजा मामले को देखा जाए तो ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज और इंग्लैंड (England) के खिलाफ पहला टेस्ट देख सकते हैं। चेन्नई टेस्ट मैच में रोहित शर्मा तकनीक के मामले में पूरी तरह फ्लॉप नजर आए।
चेन्नई टेस्ट मैच की पहली पारी में रोहित शर्मा जोफ्रा आर्चर की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए थे। इसके बाद दूसरी पारी में वह जैक लीच की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए थे। पहली पारी के दौरान उछाल वाली गेंद पर उनका बाहरी किनारा लगा था, इस दौरान रोहित शर्मा का फुटवर्क कहीं नजर नहीं आया था। दूसरी पारी में भी उनकी गलती कुछ उसी तरह की रही थी। लीच की जिस गेंद पर वह बोल्ड हुए थे, उसकी पिच तक वह नहीं पहुंचे और बायाँ पाँव भी लम्बा नहीं गया। स्पिन पिच पर लम्बा पांव निकालकर खेलना अहम होता है, जो रोहित शर्मा नहीं कर पाए थे।
रोहित शर्मा तकनीक में पीछे रहे
टेस्ट क्रिकेट में नई गेंद से खेलते हुए तकनीक मजबूत रखनी होती है। शुरुआती कुछ ओवरों में गेंद की चमक के सामने बेहतर तकनीक के दम पर ही कोई खिलाड़ी टिका रह सकता है। रोहित शर्मा में यह एक कमी दिखाई दी। दूसरी तरफ खेल रहे शुभमन गिल ने काफी बेहतर तकनीक दर्शाई और कुछ आकर्षक शॉट भी लगाए। विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा भी स्पिनरों या तेज गेंदबाज दोनों के खिलाफ क़दमों का इस्तेमाल का फुटवर्क का इस्तेमाल करते हुए दिखाई देते हैं। रोहित शर्मा इस मामले में पीछे नजर आ रहे हैं।
तकनीक सुधारने के बाद ही टेस्ट क्रिकेट में रन बनाए जा सकते हैं। बिना तकनीक आप एक या दो बड़े शॉट तो लगा सकते हैं लेकिन अंत में जीत गेंदबाज की ही होती है। अगर अगले टेस्ट मैच में रोहित शर्मा को मौका मिलता है, तो उन्हें नेट अभ्यास के दौरान अपनी तकनीक को लेकर काम करने की जरूरत है। बिना तकनीक न उनका भला होगा और न टीम का भला होगा।