अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डिसीजन रिव्यू सिस्टम लाया गया, तब से उसमें कई तरह की खामियां दिखी है और सवाल भी खड़े हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही रहता है कि अम्पायर्स कॉल का क्या मतलब है? जब अम्पायर का निर्णय बरकरार ही रखना होता है, तो रिव्यू लेने का फायदा क्या है। इसके अलावा हॉटस्पॉट और स्निको मीटर का इस्तेमाल भी सही तरह से नहीं होने की बातें सामने आती है। ताजा घटना मेलबर्न टेस्ट की है जिसमें टिम पेन (Tim Paine) को स्निको मीटर के आधार पर आउट दिया गया और हॉटस्पॉट में गेंद को बल्ले का किनारा लगते हुए नहीं दिखाया गया था।
टिम पेन को आउट देने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। उसमें सबसे पहली बात यही थी कि हॉटस्पॉट में जब गेंद बल्ले से लग ही नहीं रही तो स्निको मीटर का इस्तेमाल कर आउट क्यों दिया गया। अम्पायर ने हॉटस्पॉट से देखा तब बल्लेबाज के बल्ले से गेंद टच नहीं होना दर्शा रहा था। इसके बाद अम्पायर ने स्निको मीटर का सहारा लिया और उसमें बल्ले का किनारा लगा हुआ दिखाई दे रहा था। अम्पायर ने तुरंत आउट देने का फैसला लिया।
आईसीसी नियम के अनुसार तीसरा अम्पायर बल्ले से गेंद के सम्पर्क को जांचने के लिए सबसे पहले हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करेगा। इस पर कुछ दिखाई देता है, तो निर्णय के लिए पक्का सबूत मा जाता है। इसमें ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं देता है, तो स्निको मीटर के साथ अम्पायर जा सकता है और आउट दे सकता है। 2013 की एशेज सीरीज में यह नियम बनाया गया कि हॉटस्पॉट पर कुछ नहीं है, तो स्निको मीटर से फैसला दिया जा सकता है, टिम पेन के मामले में स्निको मीटर गेंद और बल्ले का सम्पर्क दिखा रहा था और अम्पायर ने नियमों के अंतर्गत निर्णय दिया।
ऑस्ट्रेलिया में इस निर्णय को लेकर सवाल खड़े हुए लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए था कि नियम एशेज के दौरान बना था। खुद के पक्ष में कोई फैसला नहीं जाता, उस समय ऑस्ट्रेलिया से सवाल उठने लगते हैं। ऑस्ट्रलिया के बल्लेबाज टिम पेन जब मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में रन आउट थे लेकिन उन्हें नॉट आउट दिया गया, तब आवाज नहीं उठी। उनका बल्ला लाइन पर था और नियमों के अनुसार बल्ले का कुछ भाग क्रीज के अंदर होना चाहिए। यही चीज टी20 सीरीज में कनकशन नियम के समय देखने को मिली थी, जब जडेजा की जगह चहल को लाया गया और भारत ने मैच जीत लिया। इसके बाद सवाल खड़े हुए लेकिन स्मिथ की जगह एक बार लैबुशेन भी इस तरह आकर रन बना गए तब कोई सवाल नहीं उठा।