भारतीय (India Cricket team) तेज गेंदबाज एस श्रीसंत (S Sreesanth) का 2013 स्पॉट फिक्सिंग के बाद करियर बर्बाद हो गया। हालांकि, कोर्ट में श्रीसंत की जीत हुई और सात साल बाद वह क्रिकेट एक्शन में वापसी करने में सफल हुए। श्रीसंत ने बताया कि अपने करियर के दौरान स्पॉट फिक्सिंग मामले का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ा।
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने मौत के अनुभव से तुलना की और इस समय को अपने व परिजनों के लिए सबसे मुश्किल समय करार दिया। स्पोर्ट्सकीड़ा क्रिकेट के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में श्रीसंत ने आईपीएल 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले में कुछ कम पता चलने वाली जानकारी का खुलासा किया।
भारतीय तेज गेंदबाज पर स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त होने के कारण आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था। श्रीसंत उस सीजन में राजस्थान रॉयल्स का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और अंकित चव्हाण व अजित चंडीला के साथ तेज गेंदबाज पर भी प्रतिबंध लगा था।
अब प्रतिबंध खत्म होने के बाद श्रीसंत मैदान पर लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि वह स्पॉट फिक्सिंग मामले के दौरान डिप्रेशन मोड में चले गए थे।
श्रीसंत ने कहा, 'किसी पर आरोप लगाना बहुत बुरी बात है। अगर लोग मुझे कॉल करते और 2013-14 में पूछते, जब 2015 में मैं बाहर आया तो सुप्रीम कोर्ट में 13 अन्य लोगों के नाम भी थे। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैं, मेरा परिवार, दोस्त और परिजन सबसे मुश्किल समय से गुजरे। मौत के करीब तक। वो अनुभव मौत के बराबर था। अगर वो मेरे और मेरे दोस्तों के साथ होता, तो मैं उन 13 दोषियों का नाम नहीं लेता। जब तक यह साबित नहीं हो जाता, मैं किसी एक का नाम नहीं लेता।'
अगले साल आईपीएल में वापसी कर सकते हैं एस श्रीसंत
आईपीएल के पहले संस्करण में सबसे सफल भारतीय तेज गेंदबाज श्रीसंत 2013 के बाद से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर हैं। घरेलू क्रिकेट में वापसी के बाद श्रीसंत ने आईपीएल 2021 नीलामी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला था।
मगर अगले साल मेगा ऑक्शन होना है तो श्रीसंत को उम्मीद है कि उन्हें कोई खरीदार मिलेगा। केरल के तेज गेंदबाज का ध्यान आगामी घरेलू सीजन में दमदार प्रदर्शन करने पर है।