मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने वनडे करियर का आखिरी मुकाबला खेला था। हालांकि सचिन अपने आखिरी मैच में बड़े रिकॉर्ड से चूक गए थे, तो दूसरी तरफ विराट कोहली ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी में से एक खेलते हुए 183 रन बनाए थे और भारत को यादगार जीत दिलाई थी।
18 मार्च 2012 को ढाका में खेला गया मुकाबला भारत के लिए करो या मरो वाला था और पाकिस्तान की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। पाकिस्तान ने अपने सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज (105) और नासिर जमशेद (112) की शतकीय पारी और यूनुस खान (52) के अर्धशतक की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में 329-6 का विशाल स्कोर खड़ा किया। भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था।
330 रनों का पीछा करने उतरी भारत की शुरुआत काफी खराब रही और पहले ही ओवर में 0 के स्कोर पर टीम ने गौतम गंभीर का विकेट गंवा दिया था। इसके बाद सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली ने तेजी से खेलना शुरू किया और शानदार शतकीय साझेदारी की। सचिन तेंदुलकर ने अर्धशतक लगाते हुए 48 गेंदों में 52 रन बनाए, लेकिन जब ऐसा लगने लगा कि सचिन वनडे में अपने शतकों का अर्धशतक पूरा कर ही लेंगे, लेकिन वो सईद अजमल की गेंद पर आउट हो गए।
हालांकि विराट कोहली ने भारत की उम्मीदों को खत्म नहीं होने दिया, उन्होंने रोहित शर्मा के साथ 172 रनों की बेहतरीन साझेदारी करते हुए स्कोर को 300 के पार लेकर गए और भारत को जीत के करीब पहुंचाया। कोहली ने 148 गेंदों में 183 रनों की पारी खेली, जिसमें 22 चौके और 1 छक्का शामिल था। कोहली का यह वनडे में सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी है और उनकी इसी पारी की बदौलत भारत ने अंत में आसानी से पाकिस्तान को 6 विकेट से हराते हुए शानदार जीत दिलाई।
आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर इसके बाद दोबारा वनडे नहीं खेल पाए और दिसंबर 2012 में उन्होंने सभी को चौंकाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज से पहले वनडे से संन्यास का ऐलान कर दिया था। सचिन ने अपने वनडे करियर में 463 मुकाबलों में 44.83 की औसत से 18,426 रन बनाए, जिसमें 49 शतक और 96 अर्धशतक शामिल थे। सचिन 50 शतकों के करीब तो आए, लेकिन वो इस कीर्तिमान को हासिल नहीं कर पाए।
सचिन तेंदुलकर ने 16 मार्च 2012 को ही बांग्लादेश के खिलाफ हुए मुकाबले में अपने वनडे करियर का 49वां और अंतर्राष्ट्रीय करियर का 100वां शतक लगाते हुए इतिहास रचा था। हालांकि वो अपनी पारी से टीम को जीत नहीं दिला पाए थे।