सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का अपर कट शॉट काफी मशहूर था और बाद में इस शॉट को कई अन्य बल्लेबाजों ने भी खेला। सचिन तेंदुलकर का अलग ही अंदाज इस शॉट के समय होता था। सचिन तेंदुलकर ने इस शॉट के बारे में एक खुलासा किया है। उन्होंने यह बताया है कि अपर कट की शुरुआत कैसे और कब की गई।
सचिन तेंदुलकर ने अपने यूट्यूब वीडियो में फैन्स के सवालों के जवाब में इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2002 में ब्लोमफोंटेन टेस्ट मैच के दौरान अपर कट खेलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज मखाया एनटिनी क्रीज के बाहर शॉर्ट गेंद डालते थे। मैंने सोचा कि गेंद शरीर से ऊपर जा रही है लेकिन जमीन पर नहीं खेलकर इसकी गति का इस्तेमाल करते हुए थर्डमैन सीमा रेखा की तरफ भेज दिया जाए।
सचिन तेंदुलकर का बयान
तेंदुलकर ने कहा कि गेंदबाज बाउंसर का इस्तेमाल खाली गेद डालने के उद्देश्य से करते हैं लेकिन अपर कट से कई गेंदबाजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस शॉट की शुरुआत मैंने वहीँ से की थी। तेंदुलकर ने कहा कि अपर कट खेलने से शॉर्ट गेंदों पर रन बनने लगे।
उल्लेखनीय है कि सचिन तेंदुलकर ने अपर कट शॉट से कई रन बनाए और गेंदबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी की। उनके बाद भारतीय टीम में वीरेंदर सहवाग ने भी अपर कट शॉट का अच्छा इस्तेमाल किया। आजकल भी अपर कट कई बल्लेबाजों को खेलते हुए देखा जाता है। ज्यादा ऊंचाई की गेंद के नीचे घुसकर बल्ले से सिर्फ दिशा दिखाने भर से चौका या छक्का मिलने वाले इस शॉट को खेलने के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत भी नहीं पड़ती है। गेंदबाजों को ऑफ़ स्टंप पर बाउंसर डालने से पहले काफी सोचना पड़ता है।
सचिन तेंदुलकर का पैडल स्वीप शॉट भी ख़ासा प्रसिद्ध था। उनके संन्यास के बाद यह शॉट अब ज्यादा देखने को नहीं मिलता है।