शशि थरूर की बड़ी प्रतिक्रिया, कहा सचिन तेंदुलकर ज्यादा मोटिवेशनल कप्तान नहीं थे

सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

भारतीय राजनीति के जाने-माने नाम शशि थरूर ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की कप्तानी को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। शशि थरूर ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर ज्यादा मोटिवेशनल और प्रेरणादायक कप्तान नहीं थे।

स्पोर्ट्सकीड़ा के फेसबकु पेज पर खास बातचीत में शशि थरूर ने ये बयान दिया। उन्होंने कहा कि सचिन के कप्तान बनने से पहले उन्हें लगता था कि वो एक बेहतर कप्तान भारतीय टीम के लिए होंगे लेकिन उनकी कप्तानी उतनी सफल नहीं रही।

शशि थरुर ने कहा,

सचिन तेंदुलकर के कप्तान बनने से पहले मैं यही सोचता था कि वो भारत के लिए सबसे बेहतरीन कप्तान होंगे। क्योंकि जब वो कप्तान नहीं थे तो वो काफी एक्टिव थे। वो स्लिप में फील्डिंग करते थे और कप्तान को सलाह भी देते थे, उसका हौसला बढ़ाते थे। मैंने सोचा कि इस खिलाड़ी को कप्तान बनना चाहिए। हालांकि जब वो कप्तान बने तो चीजें उनके पक्ष में नहीं गई। उनके पास ज्यादा मजबूत भारतीय टीम नहीं थीं। वहीं सचिन खुद भी इस बात को स्वीकार करेंगे कि वो ज्यादा प्रेरणायादक और मोटिवेशनल कप्तान नहीं थे।

शशि थरूर ने डीआरएस को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी

इससे पहले शशि थरुर ने डीआरएस को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब एम एस धोनी और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज क्रिकेटरों ने शुरुआत में डीआरएस का विरोध किया था तो उन्हें काफी निराशा हुई थी।

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शशि थरूर ने कहा कि वो डीआरएस के फैन रहे हैं और भारत को इसका उपयोग काफी पहले से ही करना चाहिए था। उन्होंने कहा,

मैं टेक्नॉलजी का बहुत बड़ा फैन हूं। शुरुआत से ही मैं डीआरएस का पक्षधर रहा हूं। जब धोनी और सचिन ने इसके लिए मना किया था तो मैं काफी अपसेट हुआ था। मैं क्रिकेट देखता हूं हर बार यही लगता है कि अंपायरों को फैसले लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

शशि थरूर ने आगे एक और बड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वो भविष्य में इंटरनेशनल क्रिकेट बिना डीआरएस के नहीं देखना चाहते हैं।

डीआरएस एक बहुत बड़ा इनोवेशन है। मैं बिना डीआरएस के इंटरेशनल क्रिकेट दोबारा नहीं देखना चाहता। डीआरएस की वजह से कई सारे गलत फैसलों को सही करने में मदद मिलती है और फैंस को भी ये उत्साहित करता है। ये किसी कहानी में एक अतरिक्त रोमांच पैद करता है। जहां तक मेरा सवाल है तो ये काफी अच्छी तकनीक है।

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Edited by सावन गुप्ता