Sam Konstas destructive century against Team India: कैनबरा के मनुका ओवल में भारत और प्राइम मिनिस्टर ओवर XI के बीच गुलाबी गेंद से अभ्यास मैच खेला जा रहा है। यह मुकाबला दो दिन का होना था लेकिन कल बारिश के कारण टॉस भी संभव नहीं हो पाया लेकिन आज एक्शन जारी है। भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और शुरुआत में दो विकेट लेकर अच्छी शुरुआत की। हालांकि, इसके बाद ओपनर सैम कोनस्टास का तूफान देखने को मिला, जिन्होंने जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी वाले भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने का काम किया और बेहतरीन शतक जड़ते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया टीम में जगह बनाने की दावेदारी ठोक दी है।
सैम कोनस्टास ने ठोका धुआंधार शतक
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने मैट रेनशॉ और जायडन गुडविन के विकेट शुरुआत में ही गंवा दिए, जिससे टीम पर काफी दबाव आ गया। हालांकि, इसका असर सैम कोनस्टास पर नहीं दिखा और उन्होंने दूसरे छोर से ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी की। भारतीय गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बगैर जूझते नजर आए और इस 19 वर्षीय बल्लेबाज ने उनकी लाइन एंड लेंथ खराब कर दी। कोनस्टास ने पहले अपना अर्धशतक पूरा किया और फिर 100 से भी कम गेंदों में शतक जड़ दिया। उन्होंने आउट होने से पहले 97 गेंदों में 107 रनों की पारी खेली, जिसमें 14 चौके और एक छक्का भी शामिल रहा। कोनस्टास ने 110.30 के जबरदस्त स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जो दर्शाता है कि उन्होंने काफी तूफानी अंदाज से बल्लेबाजी की।
प्राइम मिनिस्टर XI ने बनाए 240 रन
हालांकि, सैम कोनस्टास की जबरदस्त पारी के बावजूद प्राइम मिनिस्टर की टीम पूरे ओवर नहीं खेल पाई और पहले ही ढेर हो गई। टीम की तरफ से कोनस्टास के अलावा हन्नो जैकब्स ने भी अच्छी बल्लेबाजी की और उन्होंने 60 गेंदों में चार चौके और दो छक्के की बदौलत 61 रन बनाए। जैक क्लेटन ने भी 40 रन का योगदान दिया। बाकी बल्लेबाज कुछ खास योगदान नहीं दे पाए। भारत की तरफ से हर्षित राणा ने घातक गेंदबाजी की और उन्होंने सबसे ज्यादा चार विकेट अपने नाम किए। आकाशदीप को भी दो सफलताएं हासिल हुईं।
बता दें कि सैम कोनस्टास को एक समय भारतीय टीम के खिलाफ पर्थ में टेस्ट डेब्यू का दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह भारत ए के खिलाफ सिर्फ एक पारी में ही अच्छा कर पाए। इसी वजह से उनकी दावेदारी कमजोर हो गई और नाथन मैक्स्वीनी ने बाजी मार ली। हालांकि, मैक्स्वीनी पर्थ में खास कमाल नहीं दिखा पाए लेकिन उन्हें दूसरे टेस्ट के लिए भी स्क्वाड में जगह दी गई है। अगर वह एडिलेड में भी फ्लॉप होते हैं तो फिर कोनस्टास के लिए मौका बन सकता है।