शशांक मनोहर ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उनके जाने से यह पद खाली हो चुका है। मनोहर ने 'निजी कारणों' से इस पद से इस्तीफा दिया। उन्हें 2016 मई में निर्विरोध इस पद के लिए चुना गया था और क्रिकेट की शासकीय इकाई के मनोहर पहले स्वतंत्र चेयरमैन बने थे। इसके बाद उन्होंने दो वर्ष का करार किया, जो तत्काल प्रभाव से शुरू हुआ। आईसीसी का चेयरमैन बनने के बाद मनोहर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष पद छोड़ा था। चुनाव के दौरान आईसीसी चेयरमैन पद के लिए मनोहर एकमात्र दावेदार थे। उन्हें आईसीसी बोर्ड ने समर्थन करके निर्विरोध चुना और सफल सदस्य बनाया। शशांक मनोहर एक प्रमुख भारतीय वकील हैं, जिन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष की जिम्मेदारी 2008-11 तक निभाई। जगमोहन डालमिया का स्वर्गवास होने के बाद शशांक को पुनः अक्टूबर 2015 में बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पद के बल पर उन्हें आईसीसी चेयरमैन की भूमिका मिली। इंडिया टुडे के अनुसार मनोहर ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन को अपना त्यागपत्र भेजा। मनोहर ने लिखा, डियर डेविड, मैं पिछले वर्ष निर्विरोध रूप से आईसीसी का पहला स्वतंत्र चेयरमैन चुना गया था। मैंने सभी निदेशकों के साथ मिलकर सदस्य बोर्ड्स के मामले में निष्पक्ष रूप से काम करने का फैसला किया। लेकिन मैं अपने निजी कारणों से यह महत्वपूर्ण पद संभालने में अक्षम हूं। इसके चलते मैं तुरंत प्रभाव से अपना इस्तीफा दे रहा हूं। मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं। शशांक मनोहर का पूर्व बीसीसीआई चीफ अनुराग ठाकुर से लगातार विवादों का नाता रहा है। ठाकुर ने कहा था कि शशांक ने बीसीसीआई को तब छोड़ा जब वह डूबता हुआ जहाज के कप्तान के रूप में उनकी जरुरत थी। उनके कार्यकाल के दौरान बोर्ड ने चैंपियंस ट्रॉफी के बजट को लेकर सवाल खड़े किये थे। शशांक ने अब निजी कारणों का हवाला देते हुए आईसीसी चेयरमैन का पद भी त्याग दिया है। लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के मुद्दे पर उनका नाम भी विवाद में उछला था।