3 India players special connection with Champions Trophy: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर इन दिनों क्रेज पूरी तरह से शबाब पर नजर आ रहा है। पाकिस्तान की मेजबानी में 19 फरवरी से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट के लिए सभी 8 टीमें तैयार हैं और अपना जलवा दिखाने का इंतजार कर रही हैं। इस इवेंट की 8 साल बाद वापसी हो रही है और टीम इंडिया के लिए ये टूर्नामेंट बहुत ही खास रहा है।
भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए चैंपियंस ट्रॉफी कई यादें समेटे हुए हैं, जिसमें कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें वास्तविक पहचान ही इसी टूर्नामेंट ने दी है। तो चलिए आपको इस आर्टिकल में टीम इंडिया के उन 3 खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिन्हें चैंपियंस ट्रॉफी ने दी खास पहचान।
3. हार्दिक पांड्या
टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या आज टीम में सबसे प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर खेल रहे हैं। इस हरफनमौला खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया है और टीम के लिए एक अच्छे मैच विनर बन चुके हैं। हार्दिक पांड्या ने अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज 2016 में किया है लेकिन हार्दिक को जो असली पहचान मिली वो 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी में में मिली। उन्होंने इस टूर्नामेंट के फाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 43 गेंद में 4 चौके और 6 छक्कों की मदद से 76 रन बनाए थे। टीम इंडिया भले ही हार गई थी लेकिन हार्दिक ने अपनी बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया था।
2. रोहित शर्मा
रोहित शर्मा आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बतौर कप्तान उतर रहे हैं। हिटमैन के नाम से पहचाने जाने वाले इस दिग्गज बल्लेबाज ने आज वर्ल्ड क्रिकेट में बहुत बड़ा नाम कर लिया है। लेकिन उनको खास पहचान दिलाने वाली टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी साबित हुई थी। 2013 के इस इवेंट में उन्होंने शिखर धवन के साथ मिलकर टीम इंडिया के लिए कमाल का प्रदर्शन किया था। इस टूर्नामेंट में कुछ पारियां रोहित की काफी यादगार रही और उन्होंने टीम इंडिया में बतौर ओपनर अपना स्थान पक्का कर लिया।
1. शिखर धवन
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ सलामी बल्लेबाज रहे शिखर धवन को मिस्टर आईसीसी के नाम से जाना जाता है। इस दिग्गज खिलाड़ी ने वैसे तो टीम इंडिया के लिए काफी शानदार योगदान दिया है, लेकिन खासकर उन्हें जो वास्तविक पहचान मिली वो चैंपियंस ट्रॉफी ने दिलाई। साल 2013 में इंग्लैंड और वेल्स में खेले गए इस टूर्नामेंट में धवन का बल्ला खूब बोला। उन्होंने उस पूरे टूर्नामेंट में 5 मैचों की 5 पारियों में 90.75 की औसत से 363 रन बनाए थे, जिसमें 2 शतक के साथ एक अर्धशतक शामिल रहा था। इसी टूर्नामेंट से धवन को पहचान मिली।