पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने खुलासा किया है कि 2006 फैसलाबाद टेस्ट के दौरान उन्होंने महेन्द्र सिंह धोनी को जानबूझकर बीमर फेंका था। शोएब अख्तर ने यह भी कहा कि यह उनके करियर का इकलौता मौका था जब उन्होंने जानकर ऐसी गेंद फेंकी। आकाश चोपड़ा के साथ यूट्यूब चैट में बात करते हुए शोएब अख्तर ने अपने करियर में झेली गई चोट और भारतीय बल्लेबाजों के साथ रिश्ते को लेकर बातचीत की।
अख्तर ने कहा, "हिरण की तरह उछाल लेना 2-3 सालों में ही खत्म हो गया था। मेरे घुटनों ने मुझे मेरे घुटने पर ला दिया था। 1997 में ही मेरे घुटने जवाब दे चुके थे। इसके बावजूद मैंने लगातार इंजेक्शन लेकर खेलना जारी रखा।"
उन्होंने खुलासा किया कि 2006 में जब भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी तो उन्होंन फिबुला हड्डी टूटने के बावजूद गेंदबाजी की थी। अख्तर ने कहा, "मुझे याद है कि जब भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर आई थी तो मेरे बाएं पैर का फिबुला टूटा था। एमएस धोनी ने फैसलाबाद टेस्ट में शतक लगाया था।"
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धोनी को बीमर फेंकने पर शोएब अख्तर का खुलासा
अख्तर ने बताया, "मेरे ख्याल से मैंने फैसलाबाद में 8-9 ओवर का स्पेल फेंका था। यह काफी तेज स्पेल था और धोनी ने शतक जड़ दिया था। मैंने जानबूझकर धोनी को बीमर फेंका और फिर उनसे मांफी भी मांगी थी।"
2006 के उस टेस्ट में धोनी को जब अख्तर ने बीमर फेंका तब वह 135 के स्कोर पर खेल रहे थे और अख्तर के उसी ओवर में तीन बाउंड्री लगा चुके थे। धोनी ने मैच में 148 रनों की पारी खेली जो टेस्ट में उनका पहला शतक था और इरफान पठान के साथ मिलकर 210 रनों की साझेदारी की थी।
गौरतलब है कि शोएब अख्तर के बयान हर दिन आते रहते हैं। भारतीय क्रिकेट और उनके साथ खेले गए मैचों के बारे में ही उनकी बातें ज्यादा होती है।