भारतीय (India Cricket team) बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने हाल ही में बताया कि अपने अंडर-14 के दिनों में दादी के निधन के बाद कैसे उन्होंने सेलेक्शन मैच खेला था।
अय्यर ने मशेबल इंडिया के शो द बॉम्बे जर्नी में बातचीत करते हुए ध्यान दिलाया कि वो घटनाएं देखकर अचंभित थे। उन्होंने याद किया कि कैसे ग्राउंड पहुंचने के समय तक यात्रा करते वक्त वो रो रहे थे।
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने बताया कि उन्होंने मैच में अर्धशतक जमाया और इसे अपनी स्वर्गीय दादी को समर्पित किया। श्रेयस अय्यर ने कहा, 'मैं जब 14 साल का था, तब मेरी दादी गुजर गईं। उसी दिन मेरा सेलेक्शन मैच था। जब मैं उठा तो मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरे साथ हो क्या रहा है। मुझे अब भी याद है कि 83 नंबर बस में मैं यात्रा कर रहा था। पूरी यात्रा के दौरान मैं रोता रहा। मैंने मैच में अर्धशतक जमाया और अपनी पारी दादी को समर्पित की।'
श्रेयस अय्यर ने साथ ही बताया कि एक समय उनके पिता ने पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए क्रिकेट छोड़ने की बात कही थी। अय्यर ने बताया कि वो इससे हैरान थे और अपने माता-पिता को वादा किया कि वो एक दिन वो सफल क्रिकेटर बनेंगे।
मुंबई के बल्लेबाज ने कहा, 'एक ऐसा समय था जब मेरा चयन अंडर-19 के लिए नहीं हुआ और मैं अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर रहा था। मेरे पिता ने मुझसे पूछा कि मैं अब भी क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहता हूं क्योंकि उनका मानना था कि अपनी पढ़ाई पर ध्यान दूं और कुछ और बनूं। मैं इससे हैरान था। मैं कुछ साबित करना चाहता था और मैंने उन्हें वादा किया कि मैं सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बनूंगा।'
ध्यान हो कि इस साल श्रेयस अय्यर ने वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। 28 साल के बल्लेबाज ने 17 पारियों में 724 रन बनाए, जो कि मौजूदा कैलेंडर ईयर में भारतीय बल्लेबाजों में सर्वश्रेष्ठ हैं।
श्रेयस अय्यर ने बताया कि अपने करियर के शुरूआती दिनों में उनका लक्ष्य रणजी ट्रॉफी में मुंबई टीम का प्रतिनिधित्व करना था। उन्होंने बताया कि तब उनका लक्ष्य भारतीय कैप हासिल करने का बिलकुल भी नहीं था।
अय्यर ने कहा, 'जब मैं छोटा था तो मेरा लक्ष्य भारत के लिए खेलना नहीं था। मैं बस मुंबई का रणजी ट्रॉफी में प्रतिनिधित्व करना चाहता था। उस समय मुंबई के लिए खेलना सबसे बड़ी उपलब्धि थी। लोगों का सपना था कि शेर का लोगो हेलमेट पर लगा हो।'