NO DRS in SA vs ENG Test: क्रिकेट फैंस को इन दिनों टेस्ट क्रिकेट का लुत्फ उठाने का पूरा मौका मिल रहा है। ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफी का आयोजन हो रहा है। वहीं, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की टीमें भी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में आमने-सामने हैं। इंग्लैंड की महिला टीम पिछले लम्बे समय से दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है। इंग्लैंड के इस दौरे का समापन ब्लूमफोंटेन में खेले जाने वाले टेस्ट मुकाबले से होगा, जिसकी शुरुआत 15 दिसंबर से होगी। इस मुकाबले में दोंनो ही टीमों को DRS का फायदा नहीं मिलेगा। इसकी एक बड़ी वजह सामने आई है।
टेस्ट मैच में नहीं होगा DRS का इस्तेमाल
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड की महिला टीमों के बीच सिर्फ एकमात्र टेस्ट मैच होगा। दक्षिण अफ्रीका टीम के लिए ये टेस्ट मैच काफी खास है। दरअसल, 22 सालों के लम्बे अंतराल के बाद दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर कोई टेस्ट मैच खेला जाएगा। इससे पहले दक्षिण अफ्रीकी धरती पर 2002 में टेस्ट मुकाबला खेला गया था।
ऐतिहासिक मैच होने के बाद भी इस मैच में DRS लेने की सुविधा नहीं होगी। मौजूदा समय में ऐसा होना थोड़ा अजीब लगता है। वहीं, इंग्लैंड की कप्तान हीथर नाइट को इस बात के बारे में मैच के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले पता चला, जिसके चलते वह काफी हताशा हुई। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि खेल में समानता होनी चाहिए। यानि कि जिस तरह पुरुषों के टेस्ट मैच में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, उसी तरह महिला टेस्ट में भी होनी चाहिए।
मालूम हो कि टेस्ट मैच से पहले दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की वनडे और टी20 सीरीज खेली गई थी, जिसमें DRS की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ था। ये पहला मौका था, जब दक्षिण अफ्रीका में महिला टीमों के बीच खेली गई वनडे और टी20 सीरीज में DRS का इस्तेमाल करने की सुविधा थी।
मगर दोनों टीमों को इस चार दिवसीय टेस्ट मैच में इसका इस्तेमाल करने का मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि ये टेक्नोलॉजी काफी महंगी होती है। इसी वजह से क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने ये फैसला लिया है। यह वजह जरूर थोड़ी हैरान करने वाली है।