डीआरएस को लेकर हाल ही में काफी विवाद देखने को मिले हैं। ताजा मामला श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच दूसरे टी20 मुकाबले का है। इस मैच में बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज सौम्य सरकार (Soumya Sarkar) को आउट नहीं दिए जाने की वजह से श्रीलंकाई खिलाड़ी नाराज दिखे। उनका मानना था कि सौम्य सरकार विकेटों के पीछे कैच आउट थे लेकिन रिव्यू के बाद थर्ड अंपायर ने फैसला दिया कि गेंद बल्ले से नहीं लगी थी।
166 रनों के टार्गेट का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की शुरुआत इस मैच में काफी अच्छी रही। लिट्टन दास और सौम्य सरकार की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 7 ओवरों में 68 रनों की धुआंधार साझेदारी की। हालांकि श्रीलंका को चौथे ओवर में ही सफलता मिल सकती थी लेकिन थर्ड अंपायर के फैसले की वजह से उन्हें निराश होना पड़ा।
थर्ड अंपायर ने सौम्य सरकार को नहीं दिया आउट
बिनुरा फर्नांडो की गेंद पर सौम्य सरकार के खिलाफ श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने विकेटों के पीछे कैच आउट की अपील की। मैदान पर मौजूद अंपायर ने सौम्य सरकार को आउट करार दे दिया लेकिन बांग्लादेशी बल्लेबाज ने रिव्यू ले लिया। रीप्ले में दिखा कि स्पाइक था लेकिन गेंद और बल्ले के बीच गैप दिख रहा था। इसी वजह से थर्ड अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला बदल दिया और सौम्य सरकार को नॉट आउट करार दिया गया। श्रीलंका के खिलाड़ी थर्ड अंपायर के इस फैसले से काफी नाराज दिखे, क्योंकि स्टंप माइक में भी आवाज आई थी। सभी श्रीलंकाई खिलाड़ी अंपायर को घेरकर खड़े हो गए।
सौम्य सरकार उस समय 10 गेंद पर 14 रन बनाकर खेल रहे थे और इसके बाद उन्होंने 22 गेंद पर 26 रनों की पारी खेली। इसके बाद कप्तान नजमुल हुसैन शंटो ने 38 गेंद पर 4 चौके और 2 छक्के की मदद से 53 रनों की नाबाद पारी खेल टीम को जीत दिला दी। तौहीद हृदय ने भी 25 गेंद पर 32 रन बनाकर उनका अच्छा साथ दिया।