Stuart Broad Statement on Dukes Ball: इंग्लैंड और भारत के बीच हो रही टेस्ट सीरीज में ड्यूक बॉल को लेकर छिड़ी हुई चर्चा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कई पूर्व क्रिकेटर्स भी इस मुद्दे पर अपनी अलग-अलग राय रखते नजर आ रहे हैं। इसी बीच इंग्लैंड के पूर्व स्टार गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने ड्यूक बॉल को लेकर ऐसा कमेंट किया है, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए। दरअसल, उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट में इस्तेमाल की गई एक गेंद को लेकर मजाकिया अंदाज में कहा कि वो इससे क्रिकेट खेलने के बजाय रग्बी खेलना पसंद करेंगे।
तीसरे टेस्ट मैच में पहली दो पारियों के दौरान कई बार गेंद बदली गई, क्योंकि दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने शिकायत की कि गेंद बहुत जल्दी अपनी शेप बदल रही है। तीसरे दिन के खेल के समापन के स्काई स्पोर्ट्स पर इस गेंद को लेकर चर्चा हुई, जहां स्टुअर्ट ब्रॉड ने माइकल एथर्टन के साथ मिलकर उन गेंदों में से एक की जांच की, जिसे खेल के लिए अनुपयुक्त घोषित किया गया था।
स्टुअर्ट ब्रॉड ने ड्यूक बॉल की क्वालिटी पर साधा निशाना
एथर्टन ने गेंद बदले जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, "इस मैच के दौरान बदली गई एक गेंद हमारे पास है। वह गेंद गेज से नहीं गुजरी और उसे खेलने के लिए अनुपयुक्त माना गया। लेकिन मेरी राय में वह गेंद गेंदबाजी करने के लिए बिल्कुल ठीक थी। मुझे लगता है कि इस मामले में जरूरत से अधिक सतर्कता बरती जा रही है। तुम्हारा क्या कहना है?"
ब्रॉड ने बिना समय गंवाए इसका जवाब देते हुए कहा, 'स्पष्ट तौर पर कहूं, तो मैं इस गेंद से रग्बी खेलना पसंद करूंगा। उसकी वजह ये है, क्योंकि बहुत ज्याद सॉफ्ट होने के चलते गेंद ने अपनी शेप खो दी है। और मैं उसे आसानी से दबा सकता हूं। मैं तो उसे और भी ज्यादा दबाकर उसकी शेप बिगाड़ सकता हूं।"
ऐसी गेंदें गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों के लिए ही बेअसर हो जाती हैं - ब्रॉड
उन्होंने आगे कहा कि कि ऐसी गेंदें गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों के लिए ही बेअसर हो जाती हैं, क्योंकि इसके ऊपर का हिस्सा थोड़ा अजीब सा आकार ले लेता है। जब वो पिच की सतह पर लगती है, तो वहां बस मर सी जाती है। गेंद जब सतह से टकराती है, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। आपको सीम की मजबूती चाहिए होती है ताकि गेंद पकड़ सके और मूव कर सके। यहां तक कि एक शानदार कवर ड्राइव खेलने और चौका लगाने के लिए भी उसकी जरूरत होती है।
ब्रॉड का मानना है कि जब बल्लेबाज इस तरह की गेंद पर शॉट खेलता है और उसपर चार रन के बजाय दो-तीन रन मिलते हैं, तो इससे उसे काफी बुरा लगता है। अपने करियर के पहले दस सालों में, मुझे याद नहीं कि कभी गेंद बदली गई हो। ये एक नई चीज है।