इंग्लैंड के प्रमुख ऑलराउंडर और टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने वर्ल्ड कप (World Cup 2023) से कुछ समय पहले वनडे फॉर्मेट में संन्यास से वापसी की। कुछ लोगों को उनका यह फैसला पसंद आया, वहीं कुछ ने आपत्ति भी जताई। हालाँकि, इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) को स्टोक्स की वापसी से कोई भी समस्या नहीं और कहा कि यह ऑलराउंडर वर्ल्ड कप के नॉकआउट चरण में अपनी अहमियत साबित करेगा।
बेन स्टोक्स ने जुलाई, 2022 में व्यस्त शेड्यूल और अपने वर्कलोड को देखते हुए, 50 ओवर के फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था। हालांकि, उन्होंने 16 अगस्त, 2023 को 5 अक्टूबर से भारत में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए अपने फैसले को बदला और वापसी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में उनको चुना गया और उनका प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने तीसरे वनडे में 182 रनों की धमाकेदार पारी खेली और इंग्लैंड के लिए वनडे में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर दर्ज किया। ऐसे में वर्ल्ड कप से पहले स्टोक्स की वापसी निश्चित तौर पर इंग्लैंड को ख़िताब का बचाव करने में अहम साबित होगी।
स्टोक्स को दबाव से निपटने की क्षमता अलग बनाती है - स्टुअर्ट ब्रॉड
वर्ल्ड कप के आखिरी चरण में काफी दबाव होता है और स्टुअर्ट ब्रॉड को लगता है कि इंग्लैंड के लिए मध्यक्रम में स्टोक्स का होना फायदेमंद होगा। उनके मुताबिक इंग्लिश ऑलराउंडर के अंदर दबाव से निपटने की बेहतरीन क्षमता है और यही उन्हें दूसरों से अलग बनाती है।
डेली मेल में अपने कॉलम में लिखते हुए, ब्रॉड ने कहा :
इंग्लैंड के नजरिए से देखें तो स्टोक्स नॉकआउट मैचों में अपनी असली अहमियत दिखाएंगे। क्योंकि जब वर्ल्ड कप नॉकआउट चरण पर आता है, तो आप स्टोक्स जैसे खिलाड़ी को मध्यक्रम में चाहते हैं। दबाव से निपटने की उनकी क्षमता मुख्य कारणों में से एक है जिसके लिए उन्हें चुना गया है। यह एक ऐसा गुण नहीं है जो स्वाभाविक है। आप इसे अनुभव से सीखते हो और स्टोक्स ने 2016 के टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में अपने सबसे खराब पल से सीखा। कार्लोस ब्रैथवेट द्वारा चार छक्के लगाने के बाद, देखिए कि उन्होंने दबाव की स्थिति का सामना कैसे किया है। तब से, इंग्लैंड ने उनकी वजह से कुछ वर्ल्ड कप और कुछ एशेज टेस्ट जीते हैं।