महेंद्र सिंह धोनी (Mahendr Singh Dhoni) ने विश्व क्रिकेट में अपनी अलग छाप छोड़ी। चाहे बल्लेबाजी हो, या विकेटकीपिंग या फिर कप्तानी, धोनी हर मामले में अन्य लोगों से एक कदम आगे रहे। मैच की परिस्थिति और खिलाड़ी को समझने में उनका कोई सानी नहीं रहा। धोनी की आदत थी कि मैच को अंत तक ले जाते थे और फिर जीत दिलाकर भारत (India Cricket team) को चैंपियन बनाते थे।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज स्टुअर्ट लॉ ने टी20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच मैच में बातचीत के दौरान अपना ऑल टाइम पसंदीदा मैच फिनिशर चुना। जहां लॉ ने अपने पूर्व टीम साथी माइकल बेवन की तारीफ की, जो कि विश्व क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ फिनिशर्स में से एक माने जाते थे, वहीं उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी की भी जमकर प्रशंसा की।
लॉ ने 2011 विश्व कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ एमएस धोनी की नाबाद 91 रन की यादगार पारी को भी याद किया। लॉ ने क्रिकट्रैकर पर रन की रणनीति शो में बातचीत करते हुए कहा, 'मुझे 50 ओवर क्रिकेट में माइकल बेवन के साथ खेलने का सौभाग्य मिला और रन चेज के मामले में वह अपवाद रहे। मेरे लिए जिस खिलाड़ी को बल्लेबाजी करते देखने में काफी मजा आया, विरोधी को निराश किया या उस कोचिंग स्टाफ का सदस्य रहा कि इस खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया, वो है एमएस धोनी।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ बल्लेबाजी की। मुंबई में वर्ल्ड कप फाइनल में पहले उतरने का फैलसा किया। तो उनकी बल्लेबाजी में नियंत्रण और आक्रमण का शानदार मिश्रण देखने को मिला। उन्हें पता था कि कब धीमा खेलना है या कब प्रहार करना है, वो मास्टर हैं।'
लॉ ने साथ ही कहा, 'विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ शानदार पारी खेली। अगर आप टी20 क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो इस पारी की कॉपी रखिए। इस तरह आपको टी20 क्रिकेट खेलना चाहिए। अगर वेस्टइंडीज देख रही है तो इस तरह आपको टी20 क्रिकेट खेलना चाहिए। उनके पास सबकुछ है- तकनीक, ग्रेस, ताकत, विकेट के बीच आक्रमकता से दौड़ना, आपको और किसी चीज की जरूरत नहीं। मैंने एक भी रिवर्स स्वीप शॉट नहीं देखा, मैंने विकेटकीपर के ऊपर से शॉट खेलते हुए नहीं देखा। मैंने बस क्लास प्लेयर के अच्छे और क्रिकेट शॉट्स देखें।'
लॉ ने कहा, 'मगर आप जानते हैं कि कोहली ने बहुत करीब के दो रन लिए, लेकिन मेरे लिए एमएस धोनी अविश्वसनीय थे। उन्होंने ऐसा कई बार किया है।'