भारत (India Cricket Team) के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा कि पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहला टेस्ट महत्वपूर्ण है, जिसमें पता चल जाएगा कि इंग्लैंड (England Cricket Team) का बैजबॉल (BazBall) भारत में अपनी सबसे कड़ी परीक्षा को पास कर पाएगा या नहीं। गावस्कर ने इस बात को नजरअंदाज नहीं किया कि इंग्लैंड टीम अपनी निडर सोच से सफलता हासिल कर सकती है।
पता हो कि भारत और इंग्लैंड के बीच 25 जनवरी से हैदराबाद में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज होगा।
इंग्लैंड ने कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकलम के रहते टेस्ट क्रिकेट में नया तड़का लगाया, जिसे बैजबॉल का नाम दिया गया। इसके अंतर्गत इंग्लैंड की टीम फेल होने का डर नहीं पालती है। इंग्लैंड की टीम बेझिझक बोल्ड कॉल लेती है फिर चाहे स्थिति कैसी भी हो। वो आक्रामक सोच के साथ क्रिकेट खेलती है।
इंग्लैंड को बैजबॉल का फायदा मिला। स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड ने 18 में से 13 टेस्ट जीते। इस दौरान इंग्लैंड ने पाकिस्तान में भी टेस्ट सीरीज जीती। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल एशेज सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद दमदार वापसी करके सीरीज बराबर की।
हालांकि, क्रिकेट पंडित आगामी भारतीय सीरीज को इंग्लैंड के लिए सबसे मुश्किल सीरीज बता रहे हैं। इंग्लैंड ने 2012-13 में भारत में आखिरी बार टेस्ट सीरीज जीती थी। भारतीय स्पिनर्स विरोधी बल्लेबाजों के लिए सबसे मुश्किल चुनौती बनते हैं और स्पिनरों के लिए मददगार पिच पर अश्विन व जडेजा का कहर निरंतर रहा है।
हालांकि, सुनील गावस्कर का मानना है कि इंग्लैंड की टीम अगर स्पिनरों के खिलाफ अच्छी तरह आक्रमण करेगी तो दबाव बना सकती है। गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, 'भारत में बैजबॉल काम कर सकता है। अगर आप पिछले कुछ साल देखें, बाउंड्री छोटी हुई हैं। बल्ले बेहतर होते जा रहे हैं, क्योंकि अगर बल्ले का सही संपर्क नहीं भी हो तो भी गेंद बाउंड्री के पार जाती है। मेरे ख्याल से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनर्स पर आक्रमण करना चाहिए। उन्हें लंबे शॉट्स खेलने की कोशिश करना चाहिए।'
उन्होंने आगे कहा, 'हां, आउट होने का मौका है, लेकिन आपको मानसिकता बनानी पड़ेगी। देखें हमारे स्पिनर्स काफी टी20 क्रिकेट खेल चुके हैं। आपकी टी20 क्रिकेट में क्या मानसिकता है। वहां आपका विकेट नहीं लेना ठीक है, लेकिन आप चौकन्ने रहते हैं कि बाउंड्री न पड़ जाए। तब आप अपनी गेंदबाजी की लाइन और लेंथ को बदलते हैं। टेस्ट में अगर आप उनके शुरुआती स्पेल से आक्रमण करेंगे तो वो अपनी लाइन और लेंथ को बदलने के लिए मजबूर हो जाएंगे।'