पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने शुक्रवार को भारतीय टीम प्रबंधन की आलोचना की, जो पिछले दो वर्षों से रविचंद्रन अश्विन को भारतीय टेस्ट टीम की प्लेइंग इलेवन से अंदर-बाहर कर रहे हैं। अश्विन ने विशाखापट्टनम टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट लिए और एक बार फिर साबित किया कि आखिर क्यों वो टेस्ट प्रारूप में भारतीय टीम के सबसे बड़े मैच विजेताओं में से एक हैं। अश्विन को हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया गया था।
गावस्कर ने अश्विन की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे समझ नहीं आता है कि इतना अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को टीम से अंदर-बाहर क्यों किया जाता है और टीम प्रबंधन की सोच मेरी समझ के बाहर है।
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गावस्कर ने कहा, "अश्विन जैसे गेंदबाज को टीम में अपनी जगह को लेकर निश्चिन्त होना चाहिए लेकिन टीम मैनेजमेंट का बर्ताव अश्विन को विश्वास देने वाला नहीं है और शायद यही वजह कि अश्विन को हम थोड़ा संघर्ष करते हुए देख रहे हैं। कई बार उसकी तुलना दूसरे गेंदबाजों से की गयी, जिससे उसके विश्वास में कमी आयी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाथन लायन से तुलना की गयी, वहीं इंग्लैंड के खिलाफ उनके प्रदर्शन की तुलना मोईन अली के प्रदर्शन से की गयी। जो गेंदबाज टेस्ट में 350 विकेट के करीब हो, ऐसे गेंदबाज को आप टीम से अंदर-बाहर नहीं कर सकते।"
अश्विन ने भारत के लिए 66 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमे उन्होंने 347 विकेट चटकाए हैं। अश्विन काफी लम्बे समय से सीमित ओवरों की टीम से बाहर है और केवल टेस्ट प्रारूप खेल रहे हैं।
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