3 भारतीय बल्लेबाज़ जिनके वनडे करियर का असामान्य अंत हुआ
क्रिकेट भले ही भारत का राष्ट्रीय खेल न हो, लेकिन यह इस देश का सबसे लोकप्रिय खेल है। भारत में इस खेल की लोकप्रियता 1983 के यादगार विश्व कप के बाद बढ़ी, जब भारतीय क्रिकेट टीम ने कपिल देव की कप्तानी में 'विश्व विजेता' का स्वर्णिम खिताब जीता था।
आज, लाखों क्रिकेटर्स इस देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं। लेकिन, भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत और अपार कला की ज़रूरत होती है।
भारत ने विश्व को कई उम्दा बल्लेबाज़ दिए हैं। लेकिन, इनमें से कुछ बल्लेबाज़ ऐसे हैं जो अपना वनडे करियर एक शानदार तरीके से अंत नहीं कर पाए।
पेश हैं वो तीन बल्लेबाज़ जिनका करियर अनचाहे तरीके से अंत हो गया:
#1 रॉबिन उथप्पा
रॉबिन उथप्पा ने अपने पहले वनडे मैच में इंग्लेंड के खिलाफ 86 रन बनाएँ और रातों रात क्रिकेट की दुनिया के सितारे बन गए। उनकी कला उन्हें निश्चित ही एक ख़तरनाक बल्लेबाज़ बना देती है।
2006 में, अपने शानदार डेब्यू के बाद, कर्नाटक में पैदा हुए उथप्पा भारत की एक दिवसीय टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए। उथप्पा को 2007 विश्व कप की टीम में चुना गया, लेकिन वह विश्व कप भारत के लिए भुला देने वाला था। उस ही साल भारत विश्व के पहले टी-20 चैम्पियन बन कर उभरे। इस टी-20 विश्व कप में उथप्पा ने कई ऐसी पारियाँ खेली थी जो भारत की जीत का कारण बनीं।
दुर्भाग्यपूर्ण, उथप्पा का फॉर्म 2008 के एशिया कप के बाद चला गया और उन्हें टीम में न रखने का निर्णय लिया गया। हालाँकि उथप्पा ने 2014 में भारतीय टीम में वापसी कर बांग्लादेश के खिलाफ एक अर्धशतक अपने नाम किया, आने वाले 7 मैचों में उनके खराब खेल के कारण उन्हें एक बार फिर भारतीय टीम से आराम दे दिया गया। उथप्पा ने भारत के लिए 46 वनडे मैच खेलकर 934 रन बनाए।