भारतीय टीम (India Cricket team) के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) अपनी बात पर डटे रहे कि टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) 2022 की फाइनलिस्ट इंग्लैंड (England Cricket team) और पाकिस्तान (Pakistan Cricket team) को टूर्नामेंट की अन्य टीमों से ज्यादा भाग्य का साथ मिला। कैफ ने हालांकि स्वीकार किया कि जब बात ऑलराउंड प्रतिभा की हो तो दोनों टीमों में से चैंपियन इंग्लैंड बेहतर टीम थी।
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर रविवार को टी20 वर्ल्ड कप फाइनल से पहले मोहम्मद कैफ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक बैचेन कर देने वाला पोस्ट डाला था। फाइनल में पहुंचने वाली टीमों के बारे में कैफ ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड। क्या ये दोनों इस टी20 वर्ल्ड कप की सर्वश्रेष्ठ टीमें हैं या सबसे भाग्यशाली? बस पूछ रहा हूं।'
इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर फैंस को अपने साथ जोड़े रखा। कैफ ने स्पोर्ट्सकीड़ा को बताया कि इस पोस्ट को करने का मकसद क्या था। पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा, 'इंग्लैंड और पाकिस्तान भाग्यशाली थे। आपको कुछ भाग्य की जरूरत होती है। दोनों में से इंग्लैंड ज्यादा पूर्ण टीम है। उनके पास बल्लेबाजी, गेंदबाजी और अच्छी फील्डिंग है। मगर वो मजबूत ग्रुप में थे, जहां उन्हें आयरलैंड से भी शिकस्त मिली।'
कैफ ने आगे कहा, 'तीन टीमें सात अंकों पर थी। ऑस्ट्रेलिया तो खराब नेट रन रेट के कारण बाहर हुआ। आयरलैंड से हारने के बाद इंग्लैंड को भाग्य की जरूरत थी, जो उन्हें मिला, लेकिन वो पाकिस्तान से बेहतर थे।'
बाबर आजम की टीम के बारे में कैफ ने चुटीले अंदाज में कहा, 'पाकिस्तान को भाग्य का काफी सहारा मिला। वो अंतिम स्थान पर थी और फिर लगातार तीन मैच जीते व सेमीफाइनल में क्वालीफाई भी कर लिया। निश्चित ही पाकिस्तान को भाग्य का सहारा मिला।'
जहां इंग्लैंड की टीम बेहतर नेट रन रेट के कारण ऑस्ट्रेलिया से आगे रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंची। वहीं पाकिस्तान को बांग्लादेश को हराने पर टॉप-4 में सीधे एंट्री मिली क्योंकि दक्षिण अफ्रीका को नीदरलैंड्स के हाथों बड़े उलटफेर का शिकार होना पड़ा।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को इंग्लैंड के टी20 वर्ल्ड कप जीतने पर हैरानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि शुरूआत से ही इंग्लैंड खिताब का प्रबल दावेदार बना हुआ था।
उथप्पा ने कहा, 'टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही इंग्लैंड मेरी पसंदीदा टीम थी। उनके पास शानदार गेंदबाज हैं। अगर आप बल्लेबाजी पर गौर करें तो पाएंगे कि बेन स्टोक्स को जगह देना मुश्किल था। वो जीत की हकदार थी। इंग्लैंड शायद एकमात्र टीम थी, जिसने अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन किया।'