पाकिस्तान के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में डेविड वॉर्नर के छक्के को लेकर हर तरफ बातें हो रही है। मोहम्मद हफीज के हाथ से गेंद फिसलने के बाद डेविड वॉर्नर ने दो टप्पे पर भी इसको छक्के से बाहर भेज दिया था। इसके बाद वॉर्नर की खेल भावना पर सवाल खड़े हुए हैं। इस बीच मामले पर ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने प्रतिक्रिया दी है।
ESPNCricinfo से बातचीत में लैंगर ने कहा कि पहली बात तो यह है कि वो एक नो बॉल थी और उसके बाद उसे छक्के के लिए भेजने की प्रतिभा और क्षमता थी। यह अविश्वसनीय था। इसके बाद किनारा लगते ही वह मैदान से बाहर भी चले गए। अगर कोई कहता है कि यह स्पोर्ट्समैनशिप नहीं थी, तो इससे वो चीज शायद काफी हद तक बराबर हो जाती है।
बल्ले का किनारा लगने के बाद बिना डीआरएस डेविड वॉर्नर द्वारा मैदान से बाहर जाने को लेकर लैंगर ने कहा कि मुझे यकीन नहीं होता कि किसी में भी ऐसा करने की प्रवृत्ति होगी। यह अविश्वसनीय था। ज्यादातर लोग इस पर आश्वस्त होते कि क्या करना है। पूरी तरह से ईमानदार होने के लिए मैदान पर हुई अच्छी चीजों में से एक मैंने देखी।
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद हफीज गेंदबाजी के लिए आए तो गेंद उनके हाथ से फिसलकर दो टप्पे में पिच के बाहर जा रही थी। वॉर्नर ने आगे निकलकर इसे छक्के के लिए मैदान से बाहर भेज दिया। क्रिकेट पंडितों के अनुसार उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था।
इस मामले पर आवाज उठाने वालों में सबसे पहला नाम गौतम गंभीर का था। गंभीर ने कहा कि अश्विन ने जब मांकडिंग का इस्तेमाल किया था उस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी काफी बातें कर रहे थे और खेल भावना पर बोल रहे थे। डेविड वॉर्नर ने अब यह छक्का मारा है इसके ऊपर भी उनको कुछ बोलना चाहिए।