टी20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की खिताबी जीत के बाद डेविड वॉर्नर को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया। हालांकि इस निर्णय पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। बाबर आजम ने छह मैच खेलते हुए सबसे ज्यादा रन बनाए थे लेकिन वॉर्नर को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुने जाने पर शोएब अख्तर ने प्रतिक्रिया भी दी थी। अख्तर के अनुसार बाबर आजम को इस अवॉर्ड के लिए चुना जाना चाहिए था।
बाबर आजम ने 6 मैचों में 60 के औसत से 303 रन बनाए। वहीँ डेविड वॉर्नर ने 48 के औसत से 7 मैचों में 289 रन बनाए। यहाँ निश्चित तौर पर बाबर आजम आगे है लेकिन प्रभाव की बात करें, तो डेविड वॉर्नर आगे हैं। ऑस्ट्रेलिया की खिताबी जीत में डेविड वॉर्नर की बल्लेबाजी का प्रभाव काफी ज्यादा रहा है।
बाबर आजम ने भारत के खिलाफ मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 68 रनों की पारी खेली थी। इस मैच में उनके साथ मोहम्मद रिजवान ने भी नाबाद अर्धशतक जड़ा था। ऐसे में दोनों का बराबर योगदान था। अकेले बाबर का प्रभाव नहीं माना जा सकता। इसके अलावा भी मैच में गेंदबाजों का प्रभाव ज्यादा था। यही वजह थी कि शाहीन शाह अफरीदी को प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया।
इसके बाद बाबर आजम न्यूजीलैंड के खिलाफ फ्लॉप हो गए और अफगानिस्तान के खिलाफ अर्धशतक जमाया। वहां आसिफ अली के तूफानी चार छक्कों का प्रभाव रहा। अगले दो मैचों में बाबर आजम ने नामीबिया और स्कॉटलैंड के खिलाफ अर्धशतक जमाए लेकिन इन टीमों का इतना वजूद ही नहीं है कि बाबर आजम की पारियों का प्रभाव देखा जा सके। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 39 रन बनाए, इसमें पाकिस्तान को हार मिली थी।
अब डेविड वॉर्नर की बात करें, तो लगातार तीन मैचों में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए धाकड़ बैटिंग की है। वेस्टइंडीज के खिलाफ डेविड वॉर्नर ने नाबाद 89 रन बनाए थे। अगर इस मैच में कंगारू हारते, तो सेमीफाइनल में दक्षिण अफ़्रीकी टीम पहुँच जाती। इसलिए यह पारी प्रभावशाली थी। इसके बाद सेमीफाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए डेविड वॉर्नर ने तूफानी बल्लेबाजी कर पाकिस्तान के खिलाफ रन रेट कम नहीं होने दी। इस बार उन्होंने 49 रन बनाए। यहाँ से फाइनल में एक बार फिर उसी तरह की बल्लेबाजी और शुरुआत की ऑस्ट्रेलिया को जरूरत थी और उन्होंने 53 रन बनाए। इस तरह तीनों मैचों में डेविड वॉर्नर का प्रभाव काफी ज्यादा रहा है। दूसरी तरफ बाबर आजम की पारियों में यह नजर नहीं आया। वॉर्नर ने श्रीलंका के खिलाफ भी एक फिफ्टी जमाई थी। ऐसे में उनकी इम्पैक्ट वाली बल्लेबाजी के कारण उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।