कप्तान आरोन फिंच (Aaron Finch) के मुताबिक आईसीसी (ICC) के लिए चिंता का विषय है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम (Australia Cricket team) केवल टी20 विश्व कप (T20 World Cup) के फाइनल में अफगानिस्तान (Afghanistan Cricket team) के खिलाफ मुकाबला खेलने को तैयार होगी और बाकी किसी भी मैच का बहिष्कार करेगी।
टूर्नामेंट में अफगानिस्तान के खिलाफ टीमों के बहिष्कार करने का मामला तब उठा जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया और महिलाओं के खेल पर प्रतिबंध लगाया, जिसमें क्रिकेट भी शामिल है। आईसीसी का पूर्ण सदस्य होने के लिए देशों में एक पुरुष और महिला क्रिकेट का सक्रिय कार्यक्रम होना चाहिए।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने महिला क्रिकेट पर प्रतिबंध लगने के बाद इस साल नवंबर में अफगानिस्तान पुरुषों के खिलाफ होने वाला एकमात्र टेस्ट रद्द कर दिया। मगर आईसीसी ने अक्टूबर में विश्व कप शुरू होने से पहले बोर्ड की बैठक में चर्चा के लिए अफगानिस्तान की खेल स्थिति के मामले को रखा है।
सुपरस्टार राशिद खान सहित अफगानिस्तान की टीम इस उम्मीद में टूर्नामेंट की तैयारी कर रही है कि उन्हें टी20 विश्व कप में हिस्सा लेने को मिलेगा।
फिंच ने कहा कि वो और उनकी पूरी टीम टेस्ट रद्द करने के फैसले पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के समर्थन में हैं। मगर उन्होंने कहा कि विश्व कप में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के बहिष्कार करने का फैसला उनका अपना नहीं है। फिंच ने कहा, 'यह आईसीसी का फैसला है। मैंने पहले भी कहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जो फैसला किया है, हम उसके समर्थन में हैं।'
फिंच ने आगे कहा, 'हमें उम्मीद है कि चीजें अपने आप ठीक होंगी और अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ी भूमिका निभा सकता है। हमने देखा कि वो कितने महत्वपूर्ण हैं और अफगानिस्तान में खेल का विकास विशाल है।'
अफगानिस्तान में हालात ठीक नहीं
आरोन फिंच ने बताया कि उन्होंने बिग बैश लीग में मेलबर्न रेनेगेड्स के अपने साथी मोहम्मद नबी से बातचीत की, लेकिन टीम के इर्द-गिर्द राजनीतिक स्थिति के बारे में बातचीत नहीं की।
फिंच ने कहा, 'मैंने उनसे स्थिति के बारे में बातचीत की। मैंने मोहम्मद नबी से उनके हालचाल लिए और परिवार के बारे में पूछा। इसमें कोई शक नहीं कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण समय है।'
अफगानिस्तान क्रिकेट के समर्थक और महिलाओं के कार्यक्रम में शामिल लोगों ने देशों से मैचों का बहिष्कार नहीं करने का आग्रह किया है।
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड में महिलाओं की डेवलेपमेंट मैनेजर टुबा सांगर अपने परिवार के सदस्यों के साथ कनाडा जा चुकी हैं। उन्होंने बीबीसी को बताया कि किसी भी प्रकार के बहिष्कार से अफगानिस्तान में क्रिकेट को नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने कहा, 'अगर आईसीसी या अन्य देश अफगानिस्तान क्रिकेट का बहिष्कार करेंगे तो इससे महिलाओं को क्रिकेट खेलने में मदद नहीं मिलेगी। पुरुष टीम ने अफगानिस्तान के लिए काफी कुछ किया है। उनके कारण हम क्रिकेट जानते हैं। हमारी पुरुष टीम के कारण मुझे पता है कि महिलाएं भी खेल सकती हैं। अफगानिस्तान में महिलाओं को क्रिकेट पुरुषों के कारण पता चला है। जब अफगानिस्तान की पुरुष टीम मैच जीतती है तो लड़कियां सोचती हैं कि एक दिन मुझे भी देश के लिए खेलना है।'