Team India first time more wins than loses in test format: पाकिस्तान में इतिहास रचने वाली बांग्लादेश की टीम की भारत आते ही हालत खराब हो गई। दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में टीम इंडिया ने चेन्नई के मैदान पर बांग्लादेश को बेहद आसानी के साथ चार दिन में ही मात दे दी। चौथे दिन पहले सत्र में ही बांग्लादेश की पारी लक्ष्य का पीछा करते हुए सिमट गई और भारत ने 280 रन से मुकाबला अपने नाम करते हुए सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। इस मुकाबले में जीत के साथ टीम इंडिया ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो उसने अभी तक अपने टेस्ट इतिहास में कभी नहीं किया था। इसी वजह से बांग्लादेश के खिलाफ जीत की अहमियत और ज्यादा हो गई है।
टीम इंडिया का ऐतिहासक कारनामा
दरअसल, भारत ने साल 1932 से टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था और तब से ऐसा एक बार भी नहीं हुआ, जब टीम इंडिया के खाते में जीत की संख्या हार से ज्यादा रही हो। इसी वजह से बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज का इंतजार सभी को था। भारत ने इसी साल मार्च में इंग्लैंड को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के अंतिम मुकाबले में हराकर अपनी जीत (178) और हार (178) की संख्या बराबर कर ली थी। ऐसे में बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट अपने नाम कर टीम इंडिया के खाते में हार से ज्यादा जीत की संख्या हो गई। भारत ने अब 92 साल में 580 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उसके नाम 179 जीत और 178 हार दर्ज हैं। अब देखना होगा कि भारतीय टीम जीत की संख्या में कब तक बढ़त बनाए रखने में कामयाब होती है।
चेन्नई टेस्ट मैच का कैसा रहा हाल?
19 सितंबर से शुरू हुए इस मैच में बांग्लादेश ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया था और फिर 144 के स्कोर तक 6 विकेट चटकाकर टीम इंडिया को दबाव में ला दिया था। इसके बाद, रविचंद्रन अश्विन ने 113 और रवींद्र जडेजा ने 86 रन की पारी खेली थी, जिसकी मदद से भारतीय टीम 376 का स्कोर बनाने में सफल रही। भारत की पारी के जवाब में बांग्लादेश की टीम सिर्फ 149 रन ही बना पाई और 227 रन से पिछड़ गई। दूसरी पारी में भारत ने 287/4 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी, जिसमें शुभमन गिल (119*) और ऋषभ पंत (109) के शतक शामिल रहे। 515 के लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश की टीम 234 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। इस दौरान अश्विन (6 विकेट) ने 37वीं बार टेस्ट मैच की पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया।