Gautam Gambhir big task Australia tour: भारतीय क्रिकेट टीम में गौतम गंभीर की विरासत 4 महीनों में ही डगमगाने लगी है। टी20 वर्ल्ड कप की जीत के बाद जुलाई में टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में गौतम गंभीर ने जब राहुल द्रविड़ को रिप्लेस किया तो काफी उम्मीदें बंधी थीं। ऐसा लगा था कि टीम इंडिया ठीक उसी तरह से प्रदर्शन करेगी जैसा गंभीर के मार्गदर्शन में आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स ने किया था लेकिन अभी तक ऐसा होता नहीं दिखा।
गौतम गंभीर ने जुलाई के आखिर में श्रीलंका दौरे से अपने हेड कोच के सफर की शुरुआत की। पहले श्रीलंका ने अपने घर में कभी ना भूलने वाला जख्म दिया, तो अब खुद के ही घर में न्यूजीलैंड ने उस जख्म को कुरेद दिया। जिसके बाद गौतम गंभीर का ये जख्म और भी ज्यादा गहरा हो गया है। जहां से अब उनकी कोचिंग शैली सवालों के घेरे में आ गई है।
जब गौतम गंभीर ने टीम इंडिया के हेड कोच का कार्यभार संभाला था, तो बहुत बड़ा सेलिब्रेशन होने लगा था। मानों अब कोच नहीं टीम की जीत की गारंटी आ गई हो। इसके बाद इस पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज को हर तरह की आजादी दी गई। जहां कोचिंग स्टाफ से लेकर टीम इंडिया के चयन में भी उन्हें जगह दी गई। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चयन समिति की मीटिंग में गंभीर भी शामिल थे।
श्रीलंका और न्यूजीलैंड की हार ने गौतम गंभीर पर बनाया दबाव
लेकिन अब श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ हार ने इस दिग्गज खिलाड़ी पर काफी दबाव बना दिया है। उनके अब तक के शुरुआती दौर के रिपोर्ट कार्ड में कुछ भी अच्छा नहीं दिख रहा है। उन्हें टीम इंडिया के सेलेक्शन में पूरी तरह से छूट दी गई थी, लेकिन अब हालिया प्रदर्शन से गंभीर पर काफी दबाव बन गया है। माना जा रहा है कि अगर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी प्रदर्शन में सुधार नहीं होता है तो हेड कोच अब टीम के जुड़े मामलों पर अहम रोल अदा नहीं कर पाएंगे।
मुंबई टेस्ट में पूर्व बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज पर सबसे ज्यादा सवाल खड़े हुए हैं। जहां उन्हें पता था कि भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजों के लिए पिछले कुछ सालों से स्पिन गेंदबाजी कमजोर कड़ी साबित हो रही है, तो फिर गंभीर ने ये जानते हुए भी मुंबई की वानखेड़े की पिच को टर्निंग ट्रैक क्यों बनवाया। गंभीर अपनी टीम के खिलाड़ियों से हर वक्त एक जैसा ही प्रदर्शन चाहते हैं, जो अब क्रिकेट एक्सपर्ट्स के लिए भी समझना मुश्किल हो गया है।
गंभीर को दिए रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ से भी ज्यादा अधिकार
कोच गौतम गंभीर पर सबसे बड़ा सवाल तो मुंबई टेस्ट में मोहम्मद सिराज को नाइट वॉचमैन के रूप में भेजने के फैसले पर खड़ा हो रहा है। तो वहीं सरफराज खान को पहली पारी में 8वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। ये रणनीति समझ से पूरी तरह से परे है। बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया,
"गौतम गंभीर को ऐसा अधिकार दिया गया है जो पहले के कोच रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के पास नहीं थे। बीसीसीआई के नियम कोच को चयन समिति में बैठने का अधिकार नहीं देता, लेकिन फिर भी उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुनी गई टीम के साथ मौका दिया था।"