Gongadi Trisha Life story: भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंडर-19 विमेंस टी20 एशिया कप 2024 का खिताब अपने नाम कर लिया। रविवार 22 दिसंबर को क्वालालंपुर के बयूमास ओवल में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 41 रनों से हराया। फाइनल मुकाबले में बांग्लादेशी टीम को जीत के लिए 118 रनों का टारगेट मिला था, लेकिन पूरी टीम 76 रन पर ही ढेर हो गई।
यह टूर्नामेंट का उद्धघाटन संस्करण था और पहली ही बार में भारतीय टीम खिताब जीतने में सफल हो गई। भारत की ओर से गोंगाडी तृषा ने पारी की शुरुआत करते हुए 47 गेंदों में सबसे ज्यादा 52 रन बनाए। उन्हें शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। भारत की इस जीत के बाद से तृषा हर जगह छाई हुई हैं, लेकिन उनके लिए यहां तक का सफर इतना आसान नहीं रहा है। तृषा के साथ-साथ उनके परिवार ने भी बहुत त्याग किया है। चलिए आपको बताते हैं उनकी लाइफ स्टोरी के कुछ दिलचस्प किस्से।
बचपन से ही क्रिकेट में थी रुचि
गोंगाडी तृषा को बचपन से ही क्रिकेट खेलने में रुचि थी, जिसके चलते उन्होंने सात साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। तृषा बचपन में जिस तरह से खेलती थीं, उसे देखकर उनके पिता बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने भी अपनी बेटी का खूब साथ दिया और उसका ख्वाब पूरा करने के लिए अपना जिम और जमीन तक बेच डाली थी। बता दें कि तृषा के पिता अंडर-16 हॉकी प्लेयर रह चुके हैं।
बेटी को बेहतरीन क्रिकेटर बनाना चाहते थे
इस खिलाड़ी के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी क्रिकेट ही खेले और इसी गेम में अपना भविष्य बनाए। तृषा शुरुआत में भद्राचलम में खेलीं लेकिन बाद में क्रिकेट के ख्वाब को आगे बढ़ाने के लिए उनके परिवार ने सिकंदराबाद शिफ्ट होने का फैसला किया। यहां तक कि तृषा के लिए उनके पिता को अपना जिम एक रिश्तेदार को बाजार की कीमत से 50 प्रतिशत से कम पर बेचना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने तृषा की ट्रेनिंग के लिए अपनी चार एकड़ जमीन भी बेच दी थी। उनके पिता ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह अपनी बेटी की जीत के लिए किसी भी प्रकार को जोखिम उठा सकते हैं।