Sri Lanka vs India 3rd ODI: श्रीलंका के खिलाफ वनडे मुकाबलों में भारत का खराब प्रदर्शन अभी तक देखने को मिला और 27 साल में पहली बार टीम इंडिया पर सीरीज हारने का खतरा मंडरा रहा है। 2 अगस्त से शुरू हुई वनडे सीरीज का पहला मुकाबला रोमांचक तरीके से टाई हो गया था, जबकि रविवार को खेला गया सीरीज का दूसरा वनडे टीम इंडिया ने 32 रन से गंवा दिया। इस तरह श्रीलंका ने अब सीरीज में 1-0 की अहम बढ़त हासिल कर रखी है।
इस सीरीज का तीसरा वनडे मुकाबला बुधवार, 7 अगस्त को कोलंबो के ही आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाना है। अगर इस मुकाबले में टीम इंडिया को हार मिलती है तो फिर सीरीज भी गंवानी पड़ेगी। पहले दो मुकाबलों में भारत ने कुछ बड़ी गलतियां की और उनको दोहराने से टीम को बचना होगा। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 3 बड़ी गलतियों का जिक्र करने जा रहे हैं, जो टीम इंडिया को तीसरे वनडे में नहीं करनी चाहिए।
3. लोअर ऑर्डर के सामने आखिरी के ओवर्स में रन लुटाना
श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के अभी तक दोनों मुकाबलों में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने लोअर ऑर्डर के खिलाफ संघर्ष किया है। पहले मुकाबले में श्रीलंका ने 142 के स्कोर तक अपने 6 विकेट गंवा दिए थे लेकिन फिर भारतीय गेंदबाज शेष बल्लेबाजों को आउट करने में असफल रहे और टीम 230/8 के स्कोर तक पहुंचने में सफल रही। यही कहानी दूसरे वनडे में भी देखने को मिली। दूसरे मुकाबले में भी श्रीलंका के 6 विकेट 136 के स्कोर तक गिर गए थे लेकिन फिर लोअर ऑर्डर के बल्लेबाजों ने टीम को 240 के स्कोर तक पहुंचा दिया। ऐसे में भारतीय टीम को अपनी इस कमी को दूर करना होगा।
2. अतिरिक्त स्पिन विकल्प ना रखना
श्रीलंका ने अपनी घरेलू परिस्थितियों का बखूबी फायदा उठाया और प्लेइंग 11 में 4-5 अच्छे स्पिन विकल्प रखे। वहीं, टीम इंडिया के पास कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर ही ज्यादातर मौकों पर मोर्चा संभालते नजर आए। भारत के पास रियान पराग का विकल्प है, जो स्पिन गेंदबाजी के साथ-साथ बड़े हिट लगाने के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में उन्हें प्लेइंग 11 में शिवम दुबे की जगह मौका दिया जाना चाहिए।
1. आक्रामक बल्लेबाजी ना करना
अभी तक सीरीज के शुरूआती दोनों वनडे मुकाबलों में भारत की तरफ से कप्तान रोहित शर्मा के अलावा ज्यादातर बल्लेबाज बेहद ही डिफेंसिव अप्रोच के साथ खेलते नजर आए, जो कि अच्छा साबित नहीं हुआ। रोहित की तेजतर्रार बल्लेबाजी के सामने श्रीलंकाई गेंदबाजों को संघर्ष करना पड़ा लेकिन जिन बल्लेबाजों ने बचने की कोशिश की, उन पर पूरी तरह से दबाव बनाया। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों को आवश्यकता से अधिक डिफेंसिव नहीं होना चाहिए।