Best and Worst of Indian Team Selection: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए घोषित की गई भारतीय टीम को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां इस टीम के अधिकतर खिलाड़ी ऐसे हैं जिनके बारे में लगातार बातचीत हो रही थी तो वहीं कुछ ऐसे खिलाड़ियों को टीम से बाहर भी किया गया है जिनके चुने जाने की उम्मीद थी। टीम चयन से जहां भारतीय टीम मैनेजमेंट ने कुछ अच्छे फैसले दिखाए तो वहीं कुछ बुरे फैसले भी देखने को मिले। आइए एक नजर डालते हैं चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई भारतीय टीम की तीन अच्छी और दो बुरी बातों पर।
चैंपियंस ट्रॉफी के भारतीय टीम चयन की अच्छी बातें
#3 मोहम्मद शमी की वापसी
दिग्गज तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की वापसी भारतीय क्रिकेट के लिए काफी अच्छा समाचार है। भले ही इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए पहले ही शमी को टीम में शामिल कर लिया गया था, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी और वनडे सीरीज की टीम में उनका नाम आना पॉजिटिव संकेत है। जसप्रीत बुमराह की फिटनेस पर संदेह होने की स्थिति में भारतीय टीम को शमी के अनुभव की जरूरत होगी। अगर शमी ने चैंपियंस ट्रॉफी तक लय पकड़ ली तो टूर्नामेंट में तहलका मचा सकते हैं।
#2 अक्षर पटेल पर भरोसा बरकरार रखना
पिछले कुछ मुख्य टूर्नामेंट से यह देखा जा रहा है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट अक्षर पटेल के ऊपर भरोसा दिखा रही है। टी-20 विश्व कप के लिए उनका चयन होना एक बड़ी बात थी, लेकिन पिछले कुछ समय से वह भारतीय टीम से बाहर थे। ऐसे में बड़ा सवाल यही था कि क्या अक्षर के ऊपर वह भरोसा कायम रहने वाला है या नहीं। इसका जवाब चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उनके टीम में चयन करके टीम मैनेजमेंट ने दे दिया है। अक्षर पटेल पर लगातार दिखाया जा रहा यह भरोसा भारतीय क्रिकेट के लिए काफी अच्छा है।
#1 यशस्वी जायसवाल को मौका देना
टी-20 इंटरनेशनल और टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह पक्की कर चुके ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को वनडे टीम में जगह देकर टीम मैनेजमेंट ने एक बहुत ही बेहतरीन फैसला लिया है। भले ही यशस्वी के लिए चैंपियंस ट्रॉफी की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन उन्हें इस टूर्नामेंट के लिए चुनकर ही टीम मैनेजमेंट ने बहुत बड़ा निर्णय लिया है।
चैंपियंस ट्रॉफी के भारतीय टीम चयन की बुरी बातें
#2 केवल तीन तेज गेंदबाज
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई टीम में भारत ने केवल तीन तेज गेंदबाजों को ही जगह दी है। दुबई में भारत को अपने सभी मुकाबले खेलने हैं जहां पर गेंद सीम और स्विंग दोनों ही करेगी। ऐसे में एक मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण भारतीय टीम को रखना चाहिए था।
हार्दिक पांड्या को अगर छोड़ दिया जाए तो भारत केवल तीन विशेषज्ञ तेज गेंदबाज लेकर ही चैंपियंस ट्रॉफी में जा रहा है और उनका यह निर्णय उनके ऊपर भारी साबित हो सकता है।
#1 संजू सैमसन को नजरअंदाज करना
पिछले साल टी-20 इंटरनेशनल में सैमसन ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था उसके बाद उन्हें नजरअंदाज किया जाना खराब फैसला है। वनडे क्रिकेट में 100 की स्ट्राइक रेट और लगभग 60 का औसत रखने वाले सैमसन चैंपियंस ट्रॉफी की टीम में जगह बनाने के मजबूत दावेदार थे। हालांकि, चयनकर्ताओं ने ऋषभ पंत को उनके ऊपर तरजीह दी है जिनका वनडे में प्रदर्शन बहुत प्रभावशाली नहीं रहा है। सैमसन को नजरअंदाज किया जाना इस टीम चयन का सबसे बुरा फैसला है।