भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने खास मांग करते हुए कहा है कि बीसीसीआई को उन खिलाड़ियों को सम्मान करना चाहिए, जिन्होंने नेशनल टीम के लिए अपना सबकुछ दे दिया। युवराज सिंह ने यह भी साफ किया कि अगर उन्हें थोड़ी और इज्ज्त के साथ ट्रीट किया जाता, तो उन्हें खुशी होती।
यह भी पढ़ें: युवराज सिंह ने आईपीएल 2019 को लेकर दी प्रतिक्रिया
स्पोर्ट्सकीड़ा की खास सीरीज फ्री हिट में बात करते हुए युवराज सिंह ने अपनी रिटायरमेंट को लेकर कहा,
"सबसे पहले मुझे नहीं लगता कि मैं लैजेंड हूं। मैंने इस खेल को पूरी ईमानदारी के साथ खेला है, लेकिन मैं ज्यादा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाया। लैजेंड्री प्लेयर्स वो होते हैं, जिनका टेस्ट में रिकॉर्ड काफी अच्छा होता है। किसी को फेयरवेल देना यह मेरा फैसला नहीं है, यह बीसीसीआई को तय करना है। भविष्य में कोई खिलाड़ी भारत के लिए इतने समय के लिए खेले, तो उन्हें उस खिलाड़ी का सम्मान करना चाहिए। गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ी जिन्होंने हमें दो वर्ल्ड कप जिताए हैं, सहवाग जोकि सुनील गावस्कर के बाद टेस्ट में हमारे सबसे बड़े मैच विनर हैं। वीवीएस लक्ष्मण और जहीर खान भी, उन्हें वो सम्मान नहीं दिया गया।"
युवराज सिंह ने जाहिर की निराशा
भारत के लिए 300 से ज्यादा वनडे मुकाबले खेलने वाले युवराज सिंह ने बताया कि उनके करियर के अंत में जिस तरह उन्हें ट्रीट किया गया इससे उन्हें काफी निराशा हुई। उन्होंने कहा,
"मुझे लगा कि जिस तरह मेरे करियर के अंत में मैनेज किया गया, वो काफी अनप्रोफेशनल था। हालांकि हरभजन सिंह, जहीर खान और वीरेंदर सहवाग जैसे महान खिलाड़ियों को भी सही से मैनेज नहीं किया गया। यह भारतीय क्रिकेट का हिस्सा है और मैंने पहले भी ऐसा देखा है। इसी वजह से मुझे ज्यादा हैरानी नहीं हुई।"
आपको बता दें कि युवराज सिंह ने जून 2019 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। हालांकि इससे पहले उन्होंने अपने करियर में काफी कुछ हासिल किया है। वो 2011 वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे, तो 2007 टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने 6 छक्के लगाने के अलावा 12 गेंदों में टी20 इतिहास का सबसे तेज अर्धशतक लगाया था। संन्यास लेने के बाद युवराज सिंह कुछ लीग्स में खेलते हुए नजर आए हैं।
यह भी पढ़ें: युवराज सिंह ने रोहित शर्मा की 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में खेली गई पारी को महत्वपूर्ण बताया