Reasons why Suryakumar Yadav and Rinku Singh Bowling good sign for Team India: श्रीलंका और भारत (SL vs IND) के बीच खेले गए तीसरे टी20 मुकाबले में सूर्यकुमार यादव और रिंकू सिंह ने अपनी गेंदबाजी के जरिए सभी का दिल जीत लिया। दोनों की गेंदबाजी की बदौलत मेजबान टीम ने श्रीलंका के जबड़े से जीत छीन ली।
आखिरी दो ओवरों में श्रीलंका को जीत के लिए 9 रन की दरकरार थी और छह विकेट उसके हाथ में थे। कप्तान सूर्या ने 19वां रिंकू सिंह से करवाया और उन्होंने सिर्फ 3 रन खर्च करते हुए दो विकेट हासिल किए थे, जिससे टीम इंडिया की जीत की उम्मीद कायम हुई थी। इसके बाद सूर्यकुमार ने खुद 20वां ओवर किया था।
यह पहला मौका था, जब भारतीय कप्तान टी20 इंटरनेशनल में ओवर करने के लिए आए और उन्होंने 6 रन देकर दो विकेट झटके थे। स्कोर लेवल होने के बाद मेन इन ब्लू ने सुपर ओवर में मैच जीतने में कामयाबी हासिल की थी।
दोनों विस्फोटक बल्लेबाजों की गेंदबाजी टीम के लिए फायदेमंद साबित हुई। इस आर्टिकल में हम उन 3 कारणों का जिक्र करेंगे कि क्यों सूर्यकुमार यादव और रिंकू सिंह का गेंदबाजी करना टीम इंडिया के लिए फायदेमंद है।
1. भारतीय टीम एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज को खिला सकती है
पिछले कुछ समय में भारतीय टीम में मध्यक्रम में एक बल्लेबाज की कमी खलते हुए देखा गया है, खासकर तब जब टॉप ऑर्डर बुरी तरह से फ्लॉप हो जाता है। ऐसे समय में टीम को मध्यक्रम में एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत होती है, जो पारी को संभाल सके और स्कोरबोर्ड भी चालू रखे। सूर्यकुमार यादव और रिंकू सिंह अगर गेंदबाजी करना जारी रखते हैं, तो टीम चार मुख्य गेंदबाज़ी विकल्पों के साथ खेल सकती है और बल्लेबाजी को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख बल्लेबाज को खिला सकती है।
2. 2026 में घरेलू सरजमीं पर होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में निभा सकते हैं अहम भूमिका
टी20 वर्ल्ड कप 2026 का आयोजन भारत और श्रीलंका की सह-मेजबानी में खेला जाएगा। टूर्नामेंट फरवरी-मार्च में खेला जाना है और उस दौरान स्पिन गेंदबाजों को पिच से मदद मिलती है। टीम इंडिया में अक्षर पटेल, कुलदीप यादव और रवि बिश्नोई जैसे स्पिन के जादूगर पहले से मौजूद हैं। ऐसे में अगर सूर्या और रिंकू भी गेंदबाजी में हाथ आजमाते रहते हैं, तो वो भी टूर्नामेंट में टीम के लिए गेंदबाजी के जरिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।
3. तेज गेंदबाजी यूनिट के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी
सूर्यकुमार यादव और रिंकू सिंह अपनी उपयोगी गेंदबाजी के जरिए तेज गेंदबाजों के ऊपर से दबाव को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। इन दोनों की वजह से टीम के पास गेंदबाजी के 6-7 विकल्प होंगे। स्पिन गेंदबाज अगर बीच के ओवरों में विकेट निकालते हैं, तो तेज गेंदबाजों के लिए डेथ ओवरों में गेंदबाजी करना थोड़ा आसान रहता है।