#4 गौतम गंभीर- 97 रन बनाम श्रीलंका
भारत ने 2011 में दूसरी बार विश्वकप खिताब पर कब्जा किया था। उस विश्वकप के फाइनल मैच में भारत का सामना श्रीलंका से हुआ था और मैच की शुरुआत में ही भारत के स्टार बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर सस्ते में आउट हो गए। ऐसे में भारत की इकलौती आस सलामी और अनुभवी बल्लेबाज गौतम गंभीर पर ही टिकी हुई थी।
वहीं गंभीर ने भी मौके की नजाकत को समझा और भारत को एक बार फिर से विश्व विजेता बनाने के लिए अपनी पूरी मेहनत झोंक दी। श्रीलंका की ओर से दिए गए 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान गंभीर ने भारत को मजबूत शुरुआत दिलाई। उन्होंने इस मैच में 97 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। वहीं अन्य खिलाड़ियों की मदद से भारत ने श्रीलंका पर एक शानदार जीत दर्ज की और भारत ने दूसरी बार विश्वकप खिताब अपने नाम किया।
#3 सचिन तेंदुलकर- 98 रन बनाम पाकिस्तान
किसी भी विश्वकप में भारत और पाकिस्तान के बीच का मुकाबला सबसे रोमांचक होता है। हालांकि भारत अभी तक के विश्वकप इतिहास में पाकिस्तान के हाथों एक भी बार हारा नहीं है। विश्वकप इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में सचिन की 98 रनों की पारी बेहद लाजवाब थी, जो कि 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई थी।
पाकिस्तान ने उस मैच में भारत के सामने 274 रनों का लक्ष्य रखा था। जिसके जवाब में भारतीय टीम की ओर से सचिन तेंदुलकर सर्वाधिक 98 रनों की पारी खेली और 26 गेंद शेष रहते ही भारत को एक शानदार जीत दिलाई।