#2 महेंद्र सिंह धोनी- 91* रन बनाम श्रीलंका
2011 के विश्वकप फाइनल मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को करारी शिकस्त दी थी और दूसरी बार विश्वकप खिताब पर कब्जा जमाया था। उस मैच में सचिन और सहवाग जैसे दिग्गज बल्लेबाज सस्ते में आउट होने के बाद गंभीर ने शुरुआत में विराट कोहली के साथ मिलकर पारी को संभाला था। जबकि उनके अलावा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी नाबाद 91 रनों की शानदार पारी खेली थी और अपने सदाबहार अंदाज में हेलीकॉप्टर शॉट लगाते हुए जीत का छक्का जड़ा था।
भारत के 4 विकेट गिरने के बाद क्रीज पर मौजूद युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी पर ही अपनी टीम को जीत दिलाने का जिम्मा था। वहीं कप्तान धोनी ने भी अपने प्रशंसकों और करोड़ों भारतवासियों को निराश नहीं किया और 91 रनों की शानदार पारी खेली और मैच के अंत में हेलीकॉप्टर शॉट लगाते हुए छक्क जड़ा और भारत को दूसरी बार विश्वविजेता बनाया।
#1 कपिल देव- 175 रन बनाम जिम्बाब्वे
कपिल देव को यूं ही नहीं भारत का सर्वश्रेष्ठ आल राउंडर और सबसे सफल कप्तान कहा जाता है। उन्होंने क्रिकेट इतिहास में ऐसे कीर्तिमान रचे हैं, जो उनके एक महान क्रिकेटर होने की गवाही देते हैं। इसी में ही 1983 के विश्वकप में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई उनकी 175 रनों की पारी भी शामिल है।
कपिल देव ने यह पारी ऐसे समय पर खेली थी, जब भारत के 4 विकेट मात्र 9 रन पर ही गिर गए थे। इसके बाद यह लग रहा था कि शायद भारत 100 रन भी न पूरे कर सके लेकिन कपिल देव ने पारी को संभालते हुए जैसे-तैसे टीम का स्कोर आगे बढ़ाया और विरोधी टीम पर जबरदस्त आक्रमण बोलते हुए भारत का स्कोर 8 विकेट पर 266 रन पहुंचाया। वहीं इसके जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 235 रन ही बना सकी। उनकी इस पारी को विश्वकप इतिहास की सबसे महान पारी में गिना जाता है।