क्रिकेट में नस्लभेद की बातें सामने आती रही हैं और अब भी यह जारी है। ऑस्ट्रेलिया (Australia) के पहले मुस्लिम खिलाड़ी उस्मान ख्वाजा (Usman Khawaja) ने अपना डेब्यू 2011 में एशेज सीरीज के दौरान किया था। उनको भी अपनी टीम में नस्लवाद का सामना करना पड़ा था। हालांकि यह थोड़ा हैरान करने वाली खबर है लेकिन ऐसा ही हुआ था।
ESPN से बातचीत में इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने कहा कि जब मैं ऑस्ट्रेलिया में छोटा था तब मुझे ज्यादा समय तक यही बताया था कि मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए कभी नहीं खेलने जा रहा क्योंकि मेरी त्वचा का रंग सही नहीं था। मुझे बताया जाता था कि मैं टीम में फिट नहीं हूं, और वे मुझे नहीं चुनेंगे। वह मानसिकता थी लेकिन अब यह शिफ्ट होना शुरू हो गया है।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने खुलासा किया कि वह 5 साल की उम्र में अपने जन्मस्थान इस्लामाबाद से ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। ऑस्ट्रेलिया जाने से उनका परिवार उसी देश का क्रिकेट प्रशंसक बन गया है। उन्होंने खुलासा किया कि जब वह शीर्ष पर गए तो लोगों ने उनका समर्थन करना कैसे शुरू किया।
उस्मान ख्वाजा का पूरा बयान
ख्वाजा ने कहा कि जब मैं क्रिकेट में अधिक शामिल होने लगा, तो ऑस्ट्रेलिया में उपमहाद्वीप की विरासत वाले लोग मेरे पास आए और कहा कि हम आपको शीर्ष पर देखकर बहुत खुश हैं। आप जैसे किसी को देखकर हमें लगता है कि हमें ऑस्ट्रेलियाई टीम में हिस्सा मिल गया है और हम ऑस्ट्रेलियाई टीम का समर्थन करते हैं। हमने ऐसा पहले नहीं किया था और अब हम इसका समर्थन करते हैं।
उस्मान ख्वाजा ने कहा कि व्यक्ति का बैकग्राउंड काफी मायने रखता है। बचपन में इन बातों का अंदाजा उनको नहीं था लेकिन उन्होंने इसे महसूस जरुर किया है। ख्वाजा इस समय पाकिस्तान सुपर लीग में खेलने के लिए यूएई के अबुधाबी में हैं।