भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 'बॉल आउट' को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। वेंकटेश प्रसाद ने बताया कि किस तरह से उन्होंने धोनी से कहा था कि बॉल आउट के दौरान रॉबिन उथप्पा और वीरेंदर सहवाग से गेंदबाजी कराई जाए। आपको बता दें कि वेंकटेश प्रसाद उस वक्त भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच थे।
दिग्गज भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ उनके यू-ट्यूब शो डीआरएस विद ऐश में वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि हमने वर्ल्ड कप के नियमों का पालन किया था। उस वक्त जब कोई टी20 मुकाबला टाई होता था, तब सुपर ओवर होता था। हमें नियमों के बारे में पता था, इसलिए हम हमेशा उसका अभ्यास किया करते थे।
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वेंकटेश प्रसाद ने आगे कहा कि हम लोग बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच इसकी प्रैक्टिस करते थे। ज्यादातर बल्लेबाज भी गेंदबाजी करना चाहते थे, जिसमें एम एस धोनी, वीरेंदर सहवाग और रॉबिन उथप्पा जैसे खिलाड़ी थे। हम लोग नेट्स में आपस में इसका मुकाबला करते थे।
वेंकटेश प्रसाद ने आगे कहा कि मुझे पता था कि कौन विकेटों पर सही निशाना लगा रहा था। इसके बाद मैंने सहवाग, उथप्पा और हरभजन से गेंदबाजी कराने का फैसला लिया। किसी को भी नहीं उम्मीद थी कि हमारा पहला मैच बॉल आउट होगा। वो काफी कड़ा मुकाबला था। मैंने एम एस धोनी को काफी आसानी से मना लिया था कि ये तीनों खिलाड़ी ही बॉल आउट के दौरान विकेटों पर निशाना लगाएं।
वेंकटेश प्रसाद ने बताया कि सहवाग और उथप्पा से गेंदबाजी कराने की क्या वजह थी
वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि हमे वो खतरा उठाना था और हमने वही किया। सहवाग और उथप्पा को लेकर मुझे फैसला लेना था और मैंने लिया। इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि जो गेंदबाज स्लो बॉलिंग करते हैं वो ज्यादा कंट्रोल में होते हैं। उनका एक्शन सीधा होता है।
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आपको बता दें कि 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में भारत ने पाकिस्तान को दो बार हराया था। पहली बार ग्रुप स्टेज में बॉल आउट में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को मात दी थी। उसके बाद फाइनल मुकाबले में भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।