आरसीबी द्वारा 2011 में एकमात्र खिलाड़ी के रूप में रिटेन किये जाने की शर्त का विराट कोहली ने किया खुलासा

विराट कोहली अब तक आरसीबी की तरफ से ही खेले हैं
विराट कोहली अब तक आरसीबी की तरफ से ही खेले हैं

आईपीएल (IPL) 2011 ऑक्शन से पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने हैरान करते हुए केवल युवा विराट कोहली (Virat Kohli) को रिटेन किया था और कई बड़े नामों को रिलीज कर दिया था। कोहली ने इस सम्बन्ध में आरसीबी के साथ हुई चर्चा को याद करते हुए दिलचस्प खुलासा किया। उस साल चार खिलाड़ियों को रिटेन करने का विकल्प होने के बावजूद फ्रेंचाइजी ने कोहली पर दांव लगाया और उनका यह दांव काफी हद तक सफल भी रहा।

शुरूआती तीन सीजन में आरसीबी दो बार नॉकआउट चरण में पहुंची और 2009 में फाइनल तक सफर तय किया था। हालांकि 2011 में उन्होंने विराट कोहली के इर्द-गिर्द टीम बनाने का फैसला किया।

33 वर्षीय ने इस बारे में बात की कि कैसे उन्होंने पहले कुछ आईपीएल सीज़न में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने के बाद टीम में नंबर 3 बल्लेबाज बनने के लिए कहा। आरसीबी पॉडकास्ट पर बोलते हुए कोहली ने कहा,

मुझे बहुत अच्छा लगा; मुझे इससे कोई परहेज नहीं था। मुझे याद है कि हम दक्षिण अफ्रीका में चैंपियंस लीग खेल रहे थे और रे जेनिंग्स और सिद्धार्थ माल्या ने मुझसे संपर्क किया, कहा कि वे केवल मुझे बनाए रखना चाहते हैं, और वे मेरे इर्द-गिर्द एक पूरी नई टीम बनाना चाहते हैं।
मैंने कहा कि यह बहुत अच्छा है, और यही वह अवसर है जिसकी मुझे तलाश है। मैंने उनसे साफ तौर पर कहा कि सिर्फ एक शर्त है कि मैं नंबर तीन पर बल्लेबाजी करूंगा और कहीं नहीं। वे सहमत नजर आए। मुझे पता था कि मैं टीम के लिए कुछ खास कर सकता हूं। मुझे जिम्मेदारी स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं हुई।

आरसीबी ने उस ऑक्शन में एबी डीविलियर्स, दिलशान, विट्टोरी तथा बाद में डर्क नैनेस की रिप्लेसमेंट के रूप में दिग्गज क्रिस गेल को शामिल किया था।

मैं भारत के लिए नंबर पर खेल रहा था, और आरसीबी के लिए नहीं कर पा रहा था - विराट कोहली

विराट कोहली ने शुरूआती तीन सीजन में बड़े नामों के बीच मध्यक्रम में बल्लेबाजी की और वह खुलकर नहीं खेल पाए थे। शुरुआती तीन सीजन में उन्होंने महज एक सीजन में 300 से अधिक रन बनाये थे।

कोहली ने भारतीय टीम में एक ही बल्लेबाजी क्रम पक्का करने के बावजूद तीसरे नंबर पर नहीं खेल पाने की निराशा पर बोलते हुए कहा,

आईपीएल में पहले तीन साल, मुझे हमेशा से विश्वास था कि मैं कुछ खास कर सकता हूं। मुझे लगा कि टीम के कम्पोजीशन को ध्यान में रखते हुए मैं उस स्थिति में नहीं खेल पा रहा था जो मेरी ताकत थी।
पहले 3 वर्षों में मेरा प्रदर्शन निरंतर नहीं था। यह उतना फ्री फ्लोइंग और निरंतर नहीं था जितना मैं इसे पसंद करता। मैं भारत के लिए नंबर 3 खेल रहा था, और मुझे आईपीएल में आरसीबी के लिए ऐसा करने को नहीं मिल रहा था। यह मेरे लिए थोड़ी अजीब स्थिति थी, क्योंकि मुझे लगा कि मैं यहां अपने भारत के प्रदर्शन को दोहरा सकता हूं और शायद बेहतर कर सकता हूं।

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