2011 वर्ल्ड कप (World Cup) का फाइनल मुकाबला भारत (Indian Cricket Team) और श्रीलंका (Sri Lanka Cricket Team) के बीच खेला गया था और उस मुकाबले का पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) भी हिस्सा थे। सहवाग ने उस टूर्नामेंट में कई मैचों में पारी शुरुआत चौका मार कर की थी। सहवाग ने 2011 वर्ल्ड कप को याद करते हुए बताया कि ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टरफ़ाइनल में हारने के बाद टीम का विश्वास काफी बढ़ गया था। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि श्रीलंका ने जब फाइनल में प्रवेश किया तो भारतीय टीम को ट्रॉफी जीतने का यकीन था।
2011 के वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम ने 275 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप जीता था। फाइनल में भारत के लिए गौतम गंभीर और एमएस धोनी ने जबरदस्त बल्लेबाजी की थी।
पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2021 के सेमीफाइनल मैच से पहले क्रिकबज लाइव हिंदी पर बोलते हुए, सहवाग ने खुलासा किया कि श्रीलंका के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद भारतीय टीम 2011 वर्ल्ड कप जीतने के लिए आश्वस्त थी। सहवाग ने कहा,
जब हम भारतीय खेमे में बातचीत करते थे तो हम बात कर रहे थे कि हम पाकिस्तान और श्रीलंका को कैसे हरा सकते हैं। जब श्रीलंका फाइनल में पहुंचा तो हमारी जीत सुनिश्चित थी क्योंकि जब गैरी कर्स्टन कोच थे तो हमने श्रीलंका के खिलाफ कई मैच खेले थे और जीत दर्ज की। हमारी स्पष्ट मानसिकता थी कि हम विश्व कप जीतेंगे, हमें बस बड़े दिन अपनी क्षमता के अनुसार खेलना था।
सहवाग ने बताया कि किस तरह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद भारत का माइंडसेट बदल गया
वीरेंदर सहवाग के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की टीम नॉकआउट में जबरदस्त प्रदर्शन करती थी और जब हमने उन्हें क्वार्टरफाइनल में हराया तो हमें पता था कि पाकिस्तान और श्रीलंका की टीम उतनी मजबूत नहीं है। सहवाग ने अपनी बात को समझाते हुए कहा,
देखिए जब हमने 50 ओवर के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया को हराया था, तो हम जानते थे कि न तो पाकिस्तान और न ही श्रीलंका उनसे ज्यादा मजबूत हैं। अगर हम उन्हें हरा सकते हैं, तो बाकी दो को भी हरा सकते हैं। हमें पता था कि हम वर्ल्ड कप जीत सकते हैं। तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद हमारी यही मानसिकता थी।