भारतीय टीम में बतौर ओपनर खेलकर ज्यादा सफलता अर्जित करने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंदर सहवाग ने एक कहानी बताई है। उन्होंने बताया कि ओपनर बल्लेबाज बनाने में सौरव गांगुली ने उनको समझाया और उनका बड़ा हाथ रहा। सहवाग ने कहा कि मैं ओपनर के रूप में खेलने के लिए तैयार नहीं था लेकिन गांगुली ने मुझे इसकी अहमियत समझाई।
इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखे एक कॉलम में सहवाग ने कहा कि जब मुझे दादा ने बतौर ओपनर खेलने के लिए कहा तो मैं कहता था कि आप और सचिन ये काम क्यों नहीं करते। आगे इस पर सहवाग ने लिखा कि मुझे गांगुली ने समझाया कि अगर मैं बतौर ओपनर खुद को स्थापित करता हूँ तो मेरे लिए टीम में जगह स्थायी होगी। मैं मध्यक्रम में खेलने के लिए अड़ा हुआ था तब गांगुली ने मुझे कहा कि यहाँ खेलने के लिए तुम्हे किसी बल्ल्लेबाज के चोटिल होने का इंतजार करना पड़ेगा।
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सहवाग ने इस मामले पर आगे लिखा कि दादा ने मुझे एक प्रैक्टिकल सुझाव दिया जो मुझे अच्छा लगा। उनके अनुसार दादा ने उनसे कहा कि वे मुझे ओपनर के रूप में तीन से चार मौके देंगे। इसके बाद अगर मैं फ्लॉप रहता हूँ तो टीम से बाहर करने से पहले भी मध्यक्रम में फिर से मौका दूंगा।
पूर्व भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज ने अपने करियर को ऊपर लाने का श्रेय सौरव गांगुली को दिया और बतौर ओपनर भेजने का निर्णय किया, आज मैं जो भी हूँ, दादा की वजह से ही हूँ। उन्होंने मुझे सपोर्ट किया और मुझ पर विश्वास किया। सहवाग ने यह भी कहा कि बीसीसीआई के नए मुखिया के तौर पर भी गांगुली बेहतरीन कार्य करेंगे।
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