इंग्लैंड ने एशेज (Ashes 2021-22) के पहले टेस्ट में जिस तरह का खेल दिखाया, उससे कई दिग्गज संतुष्ट नहीं दिखे और टीम की आलोचना की। इसी क्रम में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान सर एलिस्टेयर कुक ने भी ब्रिस्बेन टेस्ट में इंग्लैंड टीम के निराशाजनक प्रदर्शन की आलोचना की है। कुक ने इंग्लैंड की हार के पीछे पर्याप्त गेम टाइम ना होने को जिम्मेदार ठहराया।
एशेज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी महज 147 रन पर सिमट गयी और इसके बाद दूसरी पारी में टीम ने 2 विकेट के नुकसान पर 220 रन बना लिए थे लेकिन टीम 297 रन पर ऑल आउट हो गयी। अंत में ऑस्ट्रेलिया ने 20 रन के लक्ष्य को आसानी से 5.1 ओवर में हासिल कर नौ विकेट से बड़ी जीत हासिल की।
द टाइम्स के लिए अपने कॉलम में लिखते हुए, एलेस्टेयर कुक ने इस बात का जिक्र किया कि इंग्लैंड ने इस सीरीज से पहले शायद ही लाल गेंद वाला क्रिकेट खेला हो। कुक ने जैक लीच और बेन स्टोक्स के गेंदबाजी प्रदर्शन के बारे में भी लिखा। उन्होंने लिखा,
गेंदबाजों के लिए भी कुछ ऐसी ही कहानी है। न तो जैक लीच और न ही बेन स्टोक्स ने और ना ही अन्य किसी ने, इंग्लिश समर में पर्याप्त गेंदबाजी की, इसलिए हमें गेंद के साथ उनके संघर्ष से हैरान नहीं होना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान इंग्लैंड के लिए जैक लीच और बेन स्टोक्स गेंदबाजी में काफी महंगे साबित हुए और ढेर सारे रन लुटाये। इन दोनों गेंदबाजों ने 25 ओवर की गेंदबाजी करते हुए 167 रन खर्च किये और एकमात्र सफलता जैक लीच को हासिल हुई।
एलिस्टेयर कुक ने अभ्यास मैचों के महत्व का जिक्र किया
ऑस्ट्रेलिया में 2010-11 में इंग्लैंड की एशेज जीत में सर्वाधिक रन बनाने वाले कुक ने बताया कि उस दौरान जो तीन अभ्यास मैच खेले थे, वे कितने कारगर साबित हुए थे। इस बारे में उन्होंने लिखा,
यह महत्वपूर्ण बात है, खासकर जब मैं 2010-11 के बारे में सोचता हूं। हां, मेरे पास मेरे जीवन की सबसे यादगार सीरीज थी, लेकिन टूर के पहले मैच में, मैंने 5 और 9 का स्कोर बनाया था। मुझे बेचैनी और चिंता को दूर करने के लिए और वापस से आँखें जमाने के लिए उन पहली कुछ पारियों की आवश्यकता थी। इंग्लैंड की टीम में किसी ने भी इस तरह की तैयारी नहीं की और टीम 147 पर आउट हो गयी।
कुक ने 2010-11 की एशेज सीरीज में 766 रन रन बनाये थे और इंग्लैंड की 3-1 से जीत में अहम भूमिका निभाई थी।