कोरोना वायरस ने सबसे पहले क्रिकेट को पूरी तरह से रोक दिया था। इसके बाद क्रिकेट शुरू हुआ लेकिन तब तक लगभग सभी क्रिकेट बोर्ड वित्तीय नुकसान झेलने पर मजबूर थे। इन सबके बीच वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की हालत सबसे ज्यादा खराब हुई और उन्हें उधार लेकर खिलाड़ियों की सैलरी देनी पड़ी है। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (West Indies) के पास किसी तरह का कोई फंड भी नहीं बचा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के कर्मचारी कोरोना महामारी के दौरान आधे वेतन पर काम कर रहे थे और खिलाड़ियों को वेतन देने के लिए उधार लेकर कम चलाया गया। दो करोड़ डॉलर का कर्ज वेस्टइंडीज की टीम पर हो गया था लेकिन उसे चुकाने के लिए भी वेस्टइंडीज बोर्ड को उधार लेना पड़ा। हालांकि अब कर्ज कम होने की बात सामने आई है। विंडीज बोर्ड ने कोस्ट कटिंग की और गैर जरूरी खर्चों को भी बंद कर दिया, जिससे उनका कर्ज भी कम हुआ है लेकिन बोर्ड पूरी तरह से कर्ज मुक्त अब भी नहीं हुआ है। कोरोना वायरस महामारी का सबसे ज्यादा असर वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड पर देखा गया।
वेस्टइंडीज ने की क्रिकेट की फिर से शुरुआत
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के दौरान वेस्टइंडीज की टीम ने ही सबसे पहले इंग्लैंड दौरा करने के लिए सहमति जताई और टीम वहां खेलने के लिए गई थी। इसके बाद ही वर्ल्ड के अन्य देशों में खेल शुरू हुआ और आईपीएल के अलावा सीपीएल भी खेला गया था।
बात अगर वित्तीय नुकसान की करें, तो इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने भी खिलाड़ियों के वेतन में कुछ कमी की थी। कुछ क्रिकेट बोर्ड ने कर्मचारियों में छंटनी भी कर दी थी। इन सबके बीच बीसीसीआई ने इसे अच्छी तरह मैनेज किया और आईपीएल से उनके पास फिर से धन राशि जमा हो गई। जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज जैसे देशों पर ज्यादा असर पड़ा।