वेस्टइंडीज (West Indies cricket team) की टीम इस समय दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर है। वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket team) के बीच 30 नवंबर से टेस्ट सीरीज का आगाज होगा और यह मुकाबले पर्थ व एडिलेड में खेले जाएंगे। वेस्टइंडीज के खिलाड़ी अपनी जर्सी पर ब्लैक लाइव्स मैटर लोगो पहनना जारी रखेगी।
वेस्टइंडीज की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक गोल्ड कोस्ट और ब्रिस्बेन में मुकाबलों से पहले ऑस्ट्रेलिया में दो टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज में मुकाबला शुरू होने से पहले टेकिंग द नी किया गया था।
बता दें कि वेस्टइंडीज ने सबसे पहले जुलाई 2020 में टेकिंग द नी की प्रथा शुरू की थी, जब वो टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड दौरे पर थी और तब से वो इसे जारी रख रही है। इससे वो दिखाते हैं कि नस्लवाद, असमानता और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में उनका पूरा समर्थन है।
इसके अतिरिक्त वेस्टइंडीज के खिलाड़ी पहले टेस्ट की सुबह नंगे पैर खड़ा होकर सर्कल बना लेंगे। नंगे पैर खड़े होकर घेरा बनाने का मतलब है कि खिलाड़ी और टीमें मैच से पहले जमीन के पारंपरिक मालिकों को याद करती हैं। वो विरोधी होने के नाते एक-दूसरे से जुड़ते हैं और देश को इज्जत देते हैं।
यह भी खबर है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम टेकिंग द नी पहल में वेस्टइंडीज से जुड़ेगी और अपनी घरेलू जमीन पर पहली बार ऐसा करेगी। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल वेस्टइंडीज के सीमित ओवर दौरे पर ऐसा किया था और यूएई में टी20 वर्ल्ड कप में भी ऐसा किया था।
वेस्टइंडीज जर्सी पर लोगो का उपयोग ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में होगा। इसे 2020 में अलीशा होसाना ने डिजाइन किया था, जो इंग्लिश प्रीमियर लीग में पेशेवर फुटबॉलर ट्रोए डीनी के जोड़ीदार हैं।
क्रिकेट वेस्टइंडीज ने उनसे संपर्क किया था और आईसीसी दिशा-निर्देशों के अनुसार कॉलर पर लोगो दिखाने की अनुमति प्राप्त की थी। वेस्टइंडीज की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट 30 नवंबर से पर्थ में खेलेगी। इसके बाद 8 दिसंबर से दोनों देशों के बीच एडिलेड में डे/नाइट टेस्ट खेला जाएगा। वेस्टइंडीज का ऑस्ट्रेलिया में यह पहला डे/नाइट टेस्ट होगा। दोनों टीमें प्रतिष्ठित सर फ्रेंक वॉरेल ट्रॉफी के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी।