दीपक चाहर श्रीलंका के खिलाफ रोमांचकारी दूसरे वनडे में भारतीय टीम को जीत दिलाने के बाद सातवें आसमान पर हैं। कोलंबो के आर प्रेमदास स्टेडियम में इस जीत की मदद से भारतीय टीम ने सीरीज पर कब्जा किया।
दीपक चाहर ने नाबाद 69 रन की पारी खेली और खुद के उपयोगी ऑलराउंडर बनने की क्षमता दिखाई। मगर 2018 में दीपक चाहर को अपने ऊपर मलाल हुआ था कि उन्होंने आईपीएल ड्राफ्ट में अपने आप को ऑलराउंडर बताया था, जिसकी वजह से उन्हें केवल 80 लाख रुपए ही मिल सके।
दीपक चाहर को चेन्नई सुपरकिंग्स ने खरीदा था जबकि उनके छोटे भाई राहुल चाहर को मुंबई इंडियंस ने 1.9 करोड़ रुपए में खरीदा था। जहां राहुल चाहर को मिलने वाली रकम से परिवार खुश था, वहीं उनका मानना था कि दीपक चाहर को ज्यादा रकम मिलती अगर वो गेंदबाज बनकर ड्रॉफ्ट में जाते।
दीपक चाहर के पिता लोकंदर चाहर ने टीओआई से इस बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा, 'हमारी गलती थी। दीपक ने ऑलराउंडर के रूप में फॉर्म भरा था। ऑलराउंडर श्रेणी दिन में देरी से आती है। राहुल गेंदबाज के रूप में गया था। राहुल का नाम नीलामी में जल्दी आया था। दीपक का बाद में आया। जब दीपक का नाम आया, तब टीमें काफी पैसा खर्च कर चुकी थीं, नहीं तो दीपक को दो करोड़ से ज्यादा रुपए मिल सकते थे।'
लोकंदर ने आगे कहा, 'हमें पता था कि राहुल को बड़ी रकम मिल सकती है। यह हमारे लिए आश्चर्य या तुक्का नहीं था कि उन्हें इतनी रकम मिली।'
दीपक को पता है कि वो सिर्फ गेंदबाज नहीं: लोकंदर चाहर
दीपक चाहर ने पिछले कुछ समय से अपनी बल्लेबाजी पर काम किया है। उन्होंने 2018 आईपीएल नीलामी से पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में प्रभावित किया था। 2018 आईपीएल सीजन में एमएस धोनी ने दीपक को पंजाब के खिलाफ मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते समय नंबर-6 पर भेजा था। ऑलराउंडर ने अपने कप्तान के भरोसे पर खरा उतरते हुए 20 गेंदों में 39 रन की मैच विजयी पारी खेली थी।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बढ़ने के बावजूद दीपक चाहर लगातार अपनी बल्लेबाजी पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनके पिता लोकंदर ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि दीपक चाहर को पता है कि वह सिर्फ गेंदबाज नहीं है।
उन्होंने कहा, 'उसने राजस्थान के लिए अच्छी बल्लेबाजी की थी। फिर वह टूर्नामेंट के बाद चोटिल हो गया था। मगर दीपक को पता है कि वो सिर्फ गेंदबाज नहीं है।'