विश्व कप 2019 का लगभग आधा हिस्सा पूरा हो चुका है, अगर प्रतियोगिता के पहले चरण की बात करे तो सभी टीमों के कुछ ऐसे मुख्य खिलाड़ी थे जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। कई बड़े प्लेयर वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए जैसा की उनकी टीमों ने उम्मीद की थी। हाशिम अमला से लेकर राशिद खान तक, ये खिलाड़ी विश्व कप 2019 में अपने प्रदर्शन से अभी तक कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं । हमने ऐसे खिलाड़ियों की एक एकादश बनाई है, जिन खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रतियोगिता में अभी तक कुछ ख़ास नहीं रहा है। इस एकादश को बनाने के लिए सभी टीमों के पहले 5 मैचों के आंकड़ों को हमने लिया है।
#1 ओपनर्स: हाशिम अमला और क्रिस गेल
हाशिम अमला ने पिछले लगभग 10 सालो में साउथ अफ्रीका की बैटिंग के ऊपरी क्रम का बोझ अपने कंधो पर उठाया है। ये उनका तीसरा विश्व कप है, पर अभी तक खेले गए चार मैचों में वो बिलकुल भी फॉर्म में नज़र नहीं आये है। प्रतियोगिता के आगे आने वालो मैचों में दक्षिण अफ्रीका की सफलता और असफलता काफी हद तक अमला की फॉर्म पर निर्भर करती है।
क्रिस गेल को एक आक्रामक बल्लेबाज के तौर पर जाना जाता है, जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को अकेले ही ध्वस्त कर सकते है। साल 2015 के विश्व कप में उनके द्वारा लगाए गए दोहरे शतक को कौन भूल सकता हैं। इस बार गेल ने यह घोषणा की थी की 2019 विश्व कप के बाद वो संन्यास ले लेंगे।
सभी को उम्मीद की थी कि वो अपने आखिरी विश्व कप में कुछ बेहतरीन पारियां खेलेंगे, पर अभी तक गेल इस विश्व कप में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके है। अभी तक उन्होंने शुरूआती 4 मैचों में मात्र केवल एक अर्धशतक लगाया है तथा काफी धीमी बल्लेबाजी की है।
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#2 मध्य क्रम (लाहिरू थिरिमाने और एंजेलो मैथ्यूज)
श्रीलंक के बाये हाथ के बल्लेबाज़ थिरिमाने काफी सालो से टीम का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने श्रीलंका के लिए 3000 से ज्यादा रन बनाये है। विश्व कप 2019 में उन्हें अभी तक तीन मैचों में थिरिमाने को खेलने का मौका मिला है उसमे उन्होंने 4, 25 और 16 रन ही बनाये है।
एंजेलो मैथ्यूज पिछले एक दशक में श्रीलंका के लिए एक विश्वशनीय बैटिंग ऑल-राउंडर रहे हैं। उन्होंने 50 ओवर की क्रिकेट में 5000 से ज्यादा रन बनाये हैं और 100 से ज्यादा विकेट लिए हैं। लेकिन विश्व कप में उनका प्रदर्शन बिलकुल उनके प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं रहा है। विश्व कप में अभी तक उन्होंने 18 मैच खेले हैं और उन 18 मैचों में वो बस एक ही अर्धशतक बना पाए हैं। एक सीनियर बल्लेबाज़ होने के नाते ये मैथ्यूज की जिम्मेदारी थी की वो बल्ले के साथ उच्चस्तरीय प्रदर्शन करे, पर वो ऐसा करने में विफल रहे हैं।
#3 ऑलराउंडर और विकेटकीपर: आंद्रे रसेल और सरफ़राज़ अहमद
विश्व कप से ठीक पहले खेले गए आईपीएल में चारो तरफ आंद्रे रसेल के बल्ले का बोलबाला था। अपने तीसरे विश्व कप में खेलते हुए उनसे ये अपेक्षाएं थी की वो न सिर्फ बल्ले के साथ निचले क्रम में मैचों को ख़त्म करेंगे, और गेंद के साथ भी महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे। पर अभी तक रसेल ने बल्ले के साथ बस 36 रन और गेंद के साथ मात्र पांच विकेट किये हैं, अब वे चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं, वेस्टइंडीज के लिए यह चिंता का विषय है।
सरफ़राज़ अहमद के लिए विश्व कप 2019 उतार-चढाव भरा रहा है । कभी उनकी टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया तो कभी निराशाजनक। सरफ़राज़ अहमद की कप्तानी तथा फिटनेस को लेकर भी पाकिस्तान के कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाया।
आदिल राशिद पिछले पांच वर्षो से इंग्लैंड टीम के एक नियमित सदस्य रहे है। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 90 मैचों में 130 विकेट चटकाए है। राशिद अपना पहला विश्व कप खेल रहे लेकिन अभी तक अपने प्रदर्शन से वो छाप नहीं छोड़ सके जिसके लिए वो जाने जाते है। इस विश्व कप में अभी तक उन्होंने पांच मैचों में मात्र पांच विकेट लिए है।
राशिद खान को आज के दौर के बेहतरीन स्पिनरों में से एक माना जाता है। वह वन डे क्रिकेट में सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले गेंदबाज है। राशिद खान अपना पहला विश्व कप खेल रहे और अभी तक 5 मैचों में मात्र 3 विकेट लिए जो उनके जैसे खिलाड़ी की क्षमता के अनुरूप नहीं हैI
#4 तेज़ गेंदबाज़ (हसन अली, वहाब रियाज़ , मशरफे मोर्तजा)
हसन अली ने इस विश्व कप में चार मैच खेले हैं और लगभग हर मैच में वो महंगे साबित हुए हैं। भारत के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने मात्र 9 ओवरों में अस्सी से ज्यादा रन खर्च किये थे और इस विश्व कप में पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन का एक कारण हसन अली की विफलता भी है।
वहाब रियाज़ का नाम सुनते ही लोगो को उनका शेन वाटसन के खिलाफ 2015 विश्व कप का वो स्पैल याद आता है। उस स्पैल को कई जानकर विश्व कप के बेहतरीन स्पेल्स में से एक बताते है। वहाब का प्रदर्शन इस विश्व कप में उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा है।
मोर्तज़ा इस विश्व कप में बांग्लादेश की एक कमजोर कढ़ी नजर आये है। इस विश्व कप में वो 5 मैचों में अब तक बस एक ही विकेट ले पाए हैं। एक कप्तान होने के नजरिये से उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी ।