#2 इंग्लैंड की पिचों के अनुरूप बल्लेबाजी करना:
इंग्लैंड की पिचों की खासियत है की वहां 300-350 तक का स्कोर खड़ा किया जा सकता है, लेकिन इस विश्व कप में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। इस विश्व कप के लिए यहाँ कि पिचों को नए सिरे से तैयार किया गया जिसका काउंटी क्रिकेट और अन्य इंटरनेशनल मैचों में उपयोग नहीं किया गया। ट्रेंट बोल्ट ने हाल ही में कहा कि यहाँ की पिचें और अन्य परिस्थितियां के कारण बेहतर स्विंग मिलती है, जिसके कारण गेंद और बल्ले के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है।
इन सभी को नजरंदाज करते हुए बल्लेबाज लगातार आक्रामक और जोखिम भरे शॉट खेलने का प्रयास करता है, जिसका खामियाजा उन्हें विकेट देकर चुकाना पड़ता है। पहली बार यह सब चीजे पाकिस्तान टीम में देखा गया जब उनके 5 बल्लेबाज ख़राब शॉट खेलने के चलते आउट हो गये। अधिकतर लो स्कोरिंग मैचों में बल्लेबाजों ने इंग्लैंड की कंडीशन को दरकिनार करते हुए ख़राब शॉट खेलकर अपनी विकेट गंवाई है।