बुधवार को न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच एजबेस्टन में वर्ल्ड कप 2019 का 25वां मैच खेला गया। इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने पहले खेलते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 241 रन बनाये, जिसके जवाब में न्यूजीलैंड ने 49वें ओवर में 6 विकेट खोकर जीत हासिल कर ली। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन ने 106 रनों की नाबाद पारी खेली और अपनी टीम को एक शानदार जीत दिलाई। इस मैच की सबसे खास बात ये रही कि ये मैच लो स्कोरिंग मैच था फिर भी दोनों टीमों में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। एक-एक गेंद और एक-एक रन के लिए लड़ाई देखने को मिली। यही वजह रही कि इस मैच ने पुराने जमाने के मैचों की याद दिला दी, जब 250 का स्कोर भी काफी सम्मानजनक स्कोर माना जाता था।
जब से टी20 क्रिकेट का चलन बढ़ा है तब से 50 ओवरों के क्रिकेट में काफी ज्यादा रन बनने लगे हैं। आज से 15-20 साल पहले किसने सोचा होगा कि 50 ओवरों के क्रिकेट में बल्लेबाज अकेले दोहरा शतक भी लगा सकता है और कोई टीम 400 से ज्यादा रन बना सकती है। पहले के जमाने में अगर कोई टीम 300 रन बना लेती थी तो उसकी जीत सुनिश्चित मानी जाती थी, क्योंकि उस समय ये काफी बड़ा स्कोर माना जाता था और कभी-कभार ही टीमें 300 रन बना पाती थीं। आज के समय में 300 रन बनाना टीमों के लिए आम बात हो गई है। इसी वर्ल्ड कप में कई बार 300 से ज्यादा के रन बन चुके हैं। वहीं बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 300 से ज्यादा के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा भी किया था। पहले कभी-कभार ऐसा होता था।
पहले के जमाने में पावरप्ले सिर्फ 15 ओवरों का होता था। उसके बाद आप सीमा रेखा पर फील्डर अपनी मर्जी के हिसाब से लगा सकते थे। इसके अलावा पिचें भी गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए मददगार होती थी। इसलिए आसानी से रन बनते नहीं थे और मुकाबला काफी कड़ा होता था। आजकल की क्रिकेट में पावरप्ले के नियम, नो बॉल पर फ्री हिट और पिचों की वजह से काफी ज्यादा रन बनने लगे हैं। बल्लेबाज भी अब पहले से ज्यादा आक्रामक क्रिकेट खेलने लगे हैं। इंग्लैंड ने कुछ महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 481 रन बना दिए थे।
जब दक्षिण अफ्रीका ने 49 ओवर में 241 रन बनाए तो लगा कि न्यूजीलैंड की टीम आसानी से जीत हासिल कर लेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्रोटियाज गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की और रनों पर अंकुश लगाए रखा। वहीं दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन ने एक क्लासिक पारी खेली और 138 गेंद पर नाबाद 106 रन बनाए। हालांकि उन्होंने बीच में कई मौके दिए लेकिन दक्षिण अफ्रीका की टीम उसका फायदा नहीं उठा सकी। आखिरी ओवर में टीम को जीत के लिए 8 रन चाहिए थे और केन विलियम्सन ने छक्का लगाकर मैच खत्म कर दिया। कह सकते हैं कि लो स्कोरिंग होने के बावजूद ये इस वर्ल्ड कप का अब तक का सबसे अच्छा मैच था। जो क्रिकेट फैंस 90 के दशक से क्रिकेट देखते आ रहे हैं, उन्हें ये मैच जरूर पसंद आया होगा।
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