#6. इंग्लैंड:
इंग्लैंड टीम में तेज गेंदबाजी के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन उनके पास तेज गेंदबाजी विभाग में नेतृत्व करने वाले अनुभवी गेंदबाज की कमी है। जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के वनडे टीम से जाने के बाद से इंग्लैंड टीम में यह कमी देखने को मिली है। हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने टीम में बदलाव करते हुए डेविड विली की जगह जोफ्रा आर्चर को वर्ल्ड कप टीम में शामिल किया है। इंग्लैंड की ओर से तेज गेंदबाजी विभाग के मुख्य गेंदबाज लियाम प्लंकेट और क्रिस वोक्स होंगे। इनके अलावा डेविड विली, बेन स्टोक्स, टॉम करन अतिरिक्त गेंदबाजी विकल्प रहेंगे।
#5. भारत:
भारतीय टीम में इस समय विश्व के नंबर वन गेंदबाज जसप्रीत बुमराह शामिल हैं। फिर भी इस टीम में तेज गेंदबाजी विभाग में उतनी मजबूती नहीं दिख रही है। पिछले कुछ वर्षों से भुवनेश्वर कुमार नई गेंद से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि मोहम्मद शमी ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। उनसे वर्ल्ड कप में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। इनके अलावा हार्दिक पांड्या और विजय शंकर के रूप में अतिरिक्त तेज गेंदबाजी विकल्प भी टीम में मौजूद हैं। हार्दिक पांड्या विकेट टेकिंग गेंदबाज हैं लेकिन वे पिछले कुछ मैचों में मंहगे साबित हुए हैं। इसी कारण भारतीय टीम में एक तेज गेंदबाज और होना चाहिए था।