वर्ल्ड कप का 12वां संस्करण इंग्लैंड और वेल्स में खेला जाएगा जिसका आगाज 30 मई से दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के मैच से होगा, जबकि फाइनल मुकाबला 14 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान में खेला जाएगा। वर्ल्ड कप इतिहास में ऑस्ट्रेलिया टीम सबसे सफल टीम है क्योंकि यह टीम 5 बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी है। इसके अलावा भारत और वेस्टइंडीज टीम भी दो-दो बार एवं पाकिस्तान और श्रीलंका एक-एक बार खिताब जीत चुके हैं।
वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में शानदार प्रदर्शन करके कई खिलाड़ियों ने अपने टीम को खिताबी जीत दिलाई है। आज हम आपको 1975 से लेकर अब तक वर्ल्ड कप के फाइनल में शानदार प्रदर्शन करने वाले 10 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
#10. इमरान खान (पाकिस्तान)- 1992:
वर्ल्ड कप 1992 में पाकिस्तान टीम का नेतृत्व करने वाले इमरान खान ने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच में बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक 72 रनों की पारी खेली थी जबकि गेंदबाजी करते हुए 10 ओवरों में एक विकेट भी चटकाए थे। इमरान खान के इस प्रदर्शन की बदौलत पाकिस्तान ने इंग्लैंड के खिलाफ 22 रनों से जीत दर्ज करके अपना पहला और इकलौता वर्ल्ड कप खिताब जीता था।
#9. महेला जयवर्धने (श्रीलंका)- 2011:
महेला जयवर्धने ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में भारत के खिलाफ 88 गेंदों पर 103 रनों की शानदार पारी खेली थी। 40 ओवरों में 182 रन पर 5 विकेट खोने के बाद श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने नुवान कुलसेकरा और थिसारा परेरा के साथ मिलकर अंतिम 10 ओवरों में 90 रन जोड़े थे। लेकिन भारत की ओर से गौतम गंभीर (97) और एमएस धोनी (91*) रनों की शानदार पारी की बदौलत भारतीय टीम यह मुकाबला 5 विकेट से जीत गई और दूसरी बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया। इस हार के बाद तत्कालीन श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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#8. रिकी पोंटिंग (ऑस्ट्रेलिया)- 2003:
तत्कालीन कप्तान रिकी पोंटिंग ने साल 2003 के वर्ल्ड कप फाइनल में 121 गेंदों पर 4 चौकों और 8 छक्कों की मदद से 140 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने भारत के दिग्गज गेंदबाजों जवागल श्रीनाथ, आशीष नेहरा और जहीर खान के खिलाफ ऐसी शानदार बल्लेबाजी की थी। 20 ओवरों में 125 रन पर 2 विकेट गिरने के बाद ऐसा लगा था कि भारतीय टीम मैच में वापसी कर लेगी लेकिन कप्तान पोंटिंग की शानदार पारी की बदौलत मैच एकतरफा हो गया।
#7. गौतम गंभीर (भारत)- 2011:
वर्ल्ड कप 2011 में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले गौतम गंभीर को 'द अनसंग हीरो ऑफ वर्ल्ड कप' की संज्ञा दी जाती है। 2 विकेट जल्दी से खोने के बाद भारत की ओर से गौतम गंभीर ने उस मैच में विराट कोहली के साथ 83 रनों की साझेदारी और एमएस धोनी के साथ 109 रनों की साझेदारी की। उन्होंने इस मैच में कुल 97 रन बनाए।
#6. एमएस धोनी (भारत)- 2011:
एमएस धोनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में जीत का खिताब हासिल किया है। एस धोनी ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने उतरे थे जबकि युवराज सिंह उस साल अच्छे फॉर्म में थे। लेकिन एमएस धोनी ने भारतीय टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लिया। उन्होंने इस मैच में 91 रन बनाए थे जबकि लांग ऑन पर छक्का जड़कर भारत को जीत दिलाई थी।
#5. सर विवियन रिचर्ड्स (वेस्टइंडीज)- 1979:
क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में वेस्टइंडीज टीम 1975 का वर्ल्ड कप जीत चुकी थी, जबकि 1979 में दूसरी बार फाइनल में पहुंची थी। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम 55 रनों पर 3 विकेट खो चुकी थी। जल्दी ही कप्तान क्लाइव लॉयड भी आउट हो गए। इस मुकाबले में सर विवियन रिचर्ड्स ने 138* रनों की नाबाद पारी खेली। इनके अलावा कॉलिस किंग ने भी 66 गेंदों पर 88 रनों की शानदार पारी खेली। फलस्वरूप वेस्टइंडीज ने यह मुकाबला 92 रनों से जीत लिया और लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया।
#4. क्लाइव लॉयड (वेस्टइंडीज)- 1975:
वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में वेस्टइंडीज टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 50 रन पर 3 विकेट खो चुकी थी। कप्तान क्लाइव लॉयड ने लगभग 120 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 85 गेंदों पर 102 रनों की पारी खेली। उस समय ऐसा स्ट्राइक रेट न के बराबर देखने को मिलता था। इसी मैच में ऑस्ट्रेलिया के गैरी गिल्मर ने दूसरी बार लगातार 5 विकेट चटकाए थे। यह मुकाबला वेस्टइंडीज ने जीत लिया था।
#3. वसीम अकरम (पाकिस्तान)- 1992:
पाकिस्तान की ओर से खेलते हुए वसीम अकरम ने वर्ल्ड कप 1992 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए 18 गेंदों पर 33 रनों की शानदार पारी खेली। इसके अलावा गेंदबाजी करते हुए भी उन्होंने 10 ओवरों में 49 रन देकर 3 विकेट चटकाए। उन्होंने इस मैच में इयॉन बॉथम को शून्य पर आउट किया था।
#2. एडम गिलक्रिस्ट (ऑस्ट्रेलिया)- 2007:
ऑस्ट्रेलिया की ओर से एडम गिलक्रिस्ट ने साल 2007 के वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 104 गेंदों पर 149 रनों की पारी खेली। उन्होंने मैथ्यू हेडन के साथ मिलकर 22.5 ओवरों में 172 रनों की साझेदारी की थी जिसमें हेडन ने सिर्फ 38 रन बनाए थे। गिलक्रिस्ट ने यह पारी चामिंडा वास, लसिथ मलिंगा और मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गज गेंदबाजों के सामने खेली थी। उनकी इस पारी की बदौलत टीम ने 281 रनों का स्कोर खड़ा किया। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को 66 रनों से जीत लिया था।
#1. अरविंदा डी सिल्वा (श्रीलंका)- 1996:
वर्ल्ड कप 1996 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिले 242 रनों ले लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। श्रीलंका ने 23 रन पर दो विकेट खो दिए थे। तीसरे नम्बर के बल्लेबाज असंका गुरुसिन्हा ने 65 रन बनाए जबकि नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने उतरे अरविंदा डी सिल्वा ने 107 रनों की शानदार पारी खेली और कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने 47 रन बनाए। इनकी शानदार पारियों की बदौलत श्रीलंका को पहला और इकलौता वर्ल्ड कप खिताब मिला।