24 मार्च 2011 का दिन भारतीय फैंस के लिए एक यादगार दिन है। आज ही के दिन भारत ने 2011 में विश्वकप में गत विजेता ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में 5 विकेट से शिकस्त देकर वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया था और सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी। हालांकि इस जीत के सबसे बड़े नायक 2011 वर्ल्ड कप के हीरो युवराज सिंह थे, जिन्होंने पहले गेंद और फिर बल्ले के साथ बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत को यादगार जीत दिलाई।🏆🏆🏆✖️India ended Australia’s run of World Cup wins in the quarter-finals of the 2011 edition.Check out the highlights 🎥#CWC11Rewind— #CWC11Rewind (@cricketworldcup) March 24, 2021अहमदाबाद में खेले गए इस महामुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया और एक समय गत विजेता टीम काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही थी। यहां से युवराज सिंह ने एक बार फिर गेंद के साथ अपना कमाल दिखाया और 10 ओवर में 44 रन देकर 2 विकेट चटकाए। युवी ने ब्रैड हैडिन (53) और माइकल क्लार्क (8) के महत्वपूर्ण चटकाए। ऑस्ट्रेलिया ने फिर भी कप्तान रिकी पोंटिंग (104) के शानदार शतक की बदौलत 260-6 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया।Australia v India - 2011 ICC World Cup Quarter-Finalभारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए सधी हुई शुरुआत की और एक समय सचिन तेंदुलकर (53) एवं गौतम गंभीर (50) के अर्धशतकीय पारी की बदौलत जीत की तरफ अग्रसर थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने बड़े मैचों में अपने अनुभव का पूरा फायदा उठाया और जल्दी विकेट चटकाते हुए भारत का स्कोर 187-5 कर दिया। यहां से भारत को 75 गेंदों में 74 रनों की दरकार थी और भारत के हाथ में सिर्फ 5 विकेट शेष थे। यहां से ऐसा लग रहा था कि 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल की तरह ही भारत को एक बार फिर नॉक आउट मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ेगा।हालांकि मैदान पर युवराज सिंह और सुरेश रैना मौजूद थे और मानों उन्होंने तय कर रखा था कि इस बार वो भारत को इतनी आसानी से हारने नहीं देंगे। बाएं हाथ के इन दोनों ही बल्लेबाजों ने जिस तरह से बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के खिलाफ हल्ला बोला, उसने एक बार फिर सभी फैंस की उम्मीदों को एक बार जिंदा कर दिया। युवी और रैना ने 61 गेंदों में 75 रनों की नाबाद साझेदारी करते हुए भारत को क्वार्टर फाइनल में बेहतरीन जीत दिलाई। इसके साथ ही गत विजेता ऑस्ट्रेलिया का लगातार चौथी बार विश्व विजेता बनने का सपना टूट गया और भारत खिताबी जीत के एक कदम और करीब पहुंच गई।रैना ने 28 गेंदों में नाबाद रहते हुए 2 चौके और 1 छक्के की मदद से 34 रन बनाए, तो उनके साथ युवराज सिंह ने 65 गेंदों में 8 चौकों की मदद से नाबाद 57 रन बनाए। युवी ने इस पारी में वर्ल्ड कप में अपना चौथा अर्धशतक भी पूरा किया। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में विजयी चौके लगाने के बाद जिस तरह से भाव प्रकट किया और जो खुशी उनके चेहरे पर दिख रही थी, उससे साफ हो गया था कि इह जीत युवराज सिंह के लिए कितनी मायनी रखती थी।Australia v India - 2011 ICC World Cup Quarter-Finalआपको बता दें कि 2007 में हुए पहले वर्ल्ड टी20 के सेमीफाइनल में युवी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 30 गेंदों में 70 रनों की तूफानी पारी खेलते हुए कंगारू टीम को वर्ल्ड टी-20 से बाहर का रास्ता दिखाया था। इसके अलावा युवी 2003 में हुए वर्ल्डकप फाइनल का भी हिस्सा थे, जहां भारत जीत के इतने करीब आकर भी जीत नहीं पाई थी। हालांकि युवराज सिंह ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को बाहर करके उस कड़वी यादों पर मरहम का काम जरूर किया।इसके अलावा विश्वकप में 1983 के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की यह पहली जीत भी थी। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हर बार शिकस्त दी थी। इसी वजह से इस जीत को हमेशा ही सुनहरे अक्षरों में ही लिखा जाएगा। सेमीफाइनल में पाकिस्तान और फिर फाइनल में भारत ने श्रीलंका को शिकस्त देकर 28 साल बाद विश्वकप के खिताब पर कब्जा किया। युवराज सिंह को टूर्नामेंट में उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।